पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले मुहँपका-खुरपका रोग एवं उससे बचाव

मुहँपका-खुरपका रोग अत्यद्यिक शीग्र फैलने वाला वह विषाणु जनित संक्रामक रोग है जो कि जुगाली करने वाले पशुओं में होता है। इस कारक विषाणु के 7 प्रकार तथा अनेको उपचार है मुहँपका-खुरपका रोग के कई अन्य >>>

मस्से या गठलिया या पैपिलोमा रोग
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पशुओं में होनें वाले मस्से या गठलिया या पैपिलोमा रोग और उससे बचाव

यह पशु की त्वचा के ऊपर पाई जाने वाली सरल रसोलियाँ होती है। यह पशुओें के शरीर के ऊपर धीरे-धीरे बढ़ने लगती है तथा बाद में पकने लगती है। रोग का कारण यह रोग पैपोवायरस के कारण होता है। यह विषाणु पशुओं >>>

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पशुओं में चर्म रोग: कारण एवं निवारण

पशुओं में त्वचा की ऊपरी डरमिस, व एपिडर्मिस की परतों में सूजन का आ जाना चर्म रोग अर्थात डर्मेटाइटिस कहलाता है। यह किसी संक्रमण के कारण भी हो सकता है और उसके बिना भी हो सकता है। कारण जीवाणु जनित >>>

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पशुओं के पाचन संबंधी विकार: कारण एवं निवारण

पशुओं में रहन सहन खानपान एवं रखरखाव में अचानक परिवर्तन या लापरवाही से उत्पन्न विकारों को प्राथमिक रोग या सामान्य रोगों की श्रेणी में रखा जाता है। पशुओं के पाचन संबंधी प्रमुख विकार निम्न है: अपच >>>

पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-२
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पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 विषाणु का संक्रमण: जानकारी एवं बचाव

सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस-2 (सार्स कोरोना वायरस-2), संभवतः स्तनधारी प्राणी के माध्यम से प्रारंभिक उत्पति के बाद, वर्तमान में मानव-से-मानव में तीब्र गति से संचरित हो रहा है एवं >>>

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खुरपका मुंहपका रोग: पशुओं का संक्रामक रोग

खुरपका मुंहपका रोग खुर वाले पशुओं विशेषकर गाय-भैंस, भेड़, बकरी ऊंट व सूकर में पाया जाने वाला छुआछूत का रोग है इसे एपथस फीवर भी कहते हैं। यह बीमारी हमारे देश में हर स्थान में व्याप्त है। इस बीमारी >>>

पशुओं में होनें वाले न्यूमोनिया रोग
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पशुओं में होनें वाले न्यूमोनिया रोग और उससे बचाव

न्यूमोनिया फेफड़ों का शोध होता है जिसमें श्वास गति बढ़ जाती है, सांस लेने में कठिनाई होती है, पशु लम्बी सांस लेता है तथा खांसी आती है। इसका प्रकोप या ता धीरे-धीरे होकर कुछ ही खंडों को प्रभावित करता >>>

पशुओं में कीटनाशकों की विषाक्तता का दुष्प्रभाव एवं उसका निराकरण
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पशुओं में कीटनाशकों की विषाक्तता का दुष्प्रभाव एवं उसका निराकरण

रासायनिक पदार्थों का मानकता के अनुरूप सही रूप में, प्रयोग नहीं करने पर मनुष्य और पशुओं, के शरीर में पहुंचकर घातक प्रभाव प्रकट करते हैं जिसके फलस्वरूप पशु की >>>

पशुओं की बीमारियाँ

वेटरनरी होम्योपैथी का पशु चिकित्सा मैं विशिष्ट योगदान

ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालक अपने पशुओं के उपचार के लिए एलोपैथिक औषधियों एवं आयुर्वेदिक घरेलू उपचार पर निर्भर रहते हैं। वर्तमान में लोकप्रिय होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक जर्मनी के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. हैनीमैन थे >>>

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पशुओं में होनें वाले संक्रामक रोगों से बचाव

पशुओं में संक्रामक रोगों से बचाव हेतु  निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए: प्रथक्करण- संक्रामक रोग का संदेह होते ही रोगी पशु को स्वस्थ्य पशु से अलग कर देना चाहिए। रोगी पशु को एक अलग जगह बाँध कर उसे स्वस्थ पशुओं के साथ ना ही बाँधना चाहिए और ना ही उनके साथ बाहर घूमने देना चाहिए। >>>

पशुओं में होनें वाले मोतियाबिन्द एवं अन्धापन रोग और उससे बचाव
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पशुओं में होनें वाले मोतियाबिन्द एवं अन्धापन रोग और उससे बचाव

पशुओं की आँख के लेन्स में उजलापन या धुँघलापन आना मोतियाबिन्द कहलाता है। इस रोग से प्रभावित पशु के आँख से घुँघला दिखायी पड़ता है तथा धीरे-धीरे पशु अन्धा हो जाता है। रोग का कारण एवं प्रकार यह रोग >>>

पशुओं में होनें वाले लंगड़िया रोग एवं उससे बचाव
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पशुओं में होनें वाले लंगड़िया रोग एवं उससे बचाव

पशुओं में होनें वाले लंगड़िया रोग को अलग-अलग क्षेत्रों में लगड़ी , सुजवा , जहरवाद आदि नामों से पुकारा जाता है। अंगरेजी में इसे ब्लैक क्वार्टर (BQ) कहते है। यह गाय और भैंसो की छूत की बीामारी है , जो >>>

पशुओं के संक्रामक रोग लक्षण एवं रोकथाम
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पशुओं के संक्रामक रोग लक्षण एवं रोकथाम

संक्रामक रोग सभी पशु और पक्षियों में फैलते हैं और इसका प्रभाव यह होता है की पशुपालक अपनी आर्थिक छति से उबर नहीं पाता है अतः बचाव ही मात्र एक समाधान है। कहा जाता है की बीमारी की रोकथाम उपचार से बेहतर है >>>

बकरियों एवं भेड़ों की महामारी: पी.पी.आर.
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बकरियों एवं भेड़ों की महामारी: पी.पी.आर.

वर्तमान परिदृश्य में बकरी और भेड़ पालन गरीब मजदूर पशुपालकों की आजीविका का एक प्रमुख साधन है। बकरियों को गरीब की गाय भी कहा जाता है। बकरी और भेड़ की संक्रामक बीमारियों में पी.पी.आर. महामारी का प्रकोप >>>