बछड़ों एवं बछड़ियों में तनाव प्रबंधन
पशुपालन में तनाव प्रबंधन अति महत्वपूर्ण विषय है। परन्तु ये बछड़ों एवं बछड़ियों में तनाव प्रबंधन प्रमुख मुद्दों में से एक है। यह पशुओं की संपूर्ण उत्पादकता और स्वास्थ्य में बाधा डालता है। बछड़े एवं बछड़ >>>
पशुपालन में तनाव प्रबंधन अति महत्वपूर्ण विषय है। परन्तु ये बछड़ों एवं बछड़ियों में तनाव प्रबंधन प्रमुख मुद्दों में से एक है। यह पशुओं की संपूर्ण उत्पादकता और स्वास्थ्य में बाधा डालता है। बछड़े एवं बछड़ >>>
जो मादा पशु पहली बार बच्चा दे रहा है अर्थात ओसर में पहली बार बच्चा देने पर अयन में एडिमा होने से तनाव आ जाता है और दूध नहीं उतरता है। इस स्थिति में एक बार >>>
कुछ नवजात बच्चों में तो जन्म के बाद फेफड़े पूरी तरह से काम नहीं कर पाते हैं और सांस लेने में दिक्कत आती है। ऐसा अधिकतर कठिन प्रसव के बाद होता है। >>>
खीस में उपलब्ध एण्टीबोडीज़ का नवजात बच्चों द्वारा अवशोषण होना भी एक बहुत तेज़ प्रक्रिया है। खीस पिलाने के 4 घंटे के पश्चात ही प्रतिरक्षक पिंडों की मात्रा रक्त में पहुँच जाती है। >>>
पशु पालकों को चाहिए कि गाय व भैंस द्वारा जन्म देने के 1-2 घण्टे के भीतर फेनुस को या तो निकाले अथवा बछड़े को थन (छीमी) के पास ले जाकर थन (छीमी) को धीरे-धीरे उसमें >>>
नवजात दुधारू पशुओं के जीवित रहने और आगे के समय में विकसित होने के लिए यह अति आवश्यक है कि वह इन सभी चुनौतियों का सफलता पूर्वक सामना करे। हालाँकि अक्सर यह देखा >>>