पशुपोषण

संतुलित राशन और पशुओं में उसके लाभ

संतुलित राशनर: दिन के चौबीस घंटे की जानवर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त फ़ीड को, जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, संतुलित राशन कहा जाता है। जानवरों की पोषक आवश्यकताएं न केवल >>>

पशुपालन

बोरोन- महत्वपूर्ण ट्रेस खनिज

बोरोन धातु के रूप-रंग का एक अधातु पदार्थ है जिसे रसायन विज्ञान में ‘बी’ के रूप में नामित किया गया है। जो उपभोग के विचार से शरीर में अतिसूक्ष्म मात्रा में पाया जाता है और ट्रेस/सूक्ष्म खनिज तत्व की श्रेणी में रखा गया है। >>>

पशुपालन

पशुपालकों को वर्ष पर्यंत हरा चारा उत्पादन संबंधी दिशा निर्देश

जनवरी जई, बरसीम एवं रिजका मैं आवश्यकता के अनुरूप सिंचाई करते रहना चाहिए। चारे के लिए बोई गई बरसीम एवं जई में यदि बीज लेना हो तो जई को प्रथम कटाई के बाद एवं वरसीम को तीसरी कटाई के बाद कटाई बंद कर >>>

पशुपोषण

पशुओं के लिए उचित संतुलित आहार व्यवस्था

संतुलित आहार उस खाद्य मिश्रण को कहते हैं जो पशुओं के शरीर को बनाये रखने के लिए तथा उनकी उचित बढ़ोतरी व दूध उत्पादन के लिए कई तरह के खाद्य पदार्थों द्वारा बनाया जाता है, जो किसी विशेष पशु की >>>

पशुपोषण

पशुओं के लिए आहार संतुलन, का महत्वपूर्ण योगदान

अपने भारतीय परिवेश में सामान्यत: पशुओं को दिए जाने वाले आहार में एक या एक से अधिक स्थानीय रूप से उपलब्ध सांद्र मिश्रण या कंसंट्रेट, पशु खाद्य पदार्थ, घास एवं सूखा चारा होता है। इस कारण आहार में >>>

पशुपालन

पशु आहार में कच्चा रेशे (Crude Fibre) का महत्व

डेयरी उद्योग में सफलता पाने के लिए पशुपोषण में उत्तम संतुलित आहार बहुत ही जरुरी होता है। आहार में भी रेशे की गुणवत्ता का सहभाग खूब महत्वपूर्ण होता है । गाय को भरपेट तथा गुणवत्ता युक्त रेशेवाला आहार >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पालतू पशुओं में नाइट्रेट एवं नाइट्राइट की विषाक्तताओं के कारण एवं निवारण

जब किसी स्वस्थ पशु की आकस्मिक मृत्यु होती है तो उसमें विषाक्तता का संदेह उत्पन्न होता है। यह विषाक्तता कोई जहरीला रसायन खाने से अथवा चारे के साथ जहरीले पौधे खाने से होता है। पशुपालकों को मुख्य >>>

हरे चारे का विकल्प-हाइड्रोपोनिक्स
पशुपोषण

हरे चारे का विकल्प- हाइड्रोपोनिक्स

हाइड्रोपोनिक्स शब्द मुख्यतः लैटिन भाषा के शब्दों का युग्म है जिसमें हाइड्रो का तात्पर्य पानी एवं पोनोस का तात्पर्य श्रम होता है। मिट्टी के बिना पौधों को एक चयनित >>>

पशुपोषण

पशुपोषण संबंधी समस्याएँ एवं समाधान

पशुपोषण खाद्य पदार्थों की उपलब्धता व उनकी कीमत, पशु प्रजाति, उनकी आयु, भार, उत्पादन स्थिति (जैसे गर्भावस्था, दुग्ध उत्पादन अवस्था, वृद्धि अवस्था) आदि पर निर्भर >>>

पशुपोषण

पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में गौवंशीय पशुओं में पोषण प्रबन्धन

भारत एक कृषि प्रधान देश है। पूर्व काल से ही भारत में कृषि एवं पशुपालन एक दूसरे के अभिन्न अंग हैं। उत्तराखण्ड राज्य कृषि एवं बागवानी पर आधारित पर्वतीय राज्य है। कृषि एवं पशुपालन व्यवसाय लघु एवं सीमान >>>

डेरी पालन

भैंसों का पोषण प्रबन्धन

भारत एक कृषि आधारित देश है। पूर्व काल से ही भारत में कृषि एवं पशुपालन एक दूसरें के अभिन्न अंग हैं। हमारे देश में कुल उत्पादन 54 प्रतिशत 65 मिलियन भारतीय भैंसें योगदान करती हैं। भारत के उत्तराखण्ड >>>

हरा अजोला दुधारू पशुओं के लिए एक वरदान
पशुपोषण

हरा अजोला दुधारू पशुओं के लिए एक वरदान

परिचय भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ अधिकतर जनसंख्या खेती आधारित व्यवसाय करती है। मिश्रित खेती के रूप में खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते है। परन्तु पशुओं को साल भर हरा चारा नहीं मिल पाता है। इस >>>

पशुपालन

पशुओं में जल का महत्व

कहते है जल है तो कल है, हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध कवि रहीम ने कहा था रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून, यह कहावत एवं दोहा जल की अनिवार्यता बताने के लिए काफी है। पौधों में लगभग 10 से 90 प्रतिशत तक >>>

पशुपोषण

अधिक उत्पादन हेतु पशुओं को आहार एवं जल/ पानी देने के नियम

सामान्यता एक वयस्क पशु को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15 से 20 किलो तक हरा चारा खिलाना चाहिए। फलीदार और बिना फलीदार हरे चारे को समान अनुपात में मिलाकर खिलाना चाहिए। >>>