बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुक्कुट अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में छह दिवसीय कुक्कुट पालन पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसका शुभारम्भ सोमवार को कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह और निदेशक अनुसंधान डॉ. रविंद्र कुमार ने किया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगारोन्मुख बनाना है। केंद्र द्वारा ये तीसरे बैच को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमे पटना और नालंदा के इकत्तीस प्रशिक्षणार्थी शामिल है।
प्रशिक्षणार्थी को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने कहा की इस प्रशिक्षण से आप सभी लाभान्वित होंगे, इस प्रशिक्षण से कुक्कुट पालन के प्रैक्टिकल नॉलेज को धरातल में लाने में काफी सहूलियत होगी। उन्होंने आगे कहा की किसी भी नए व्यवसाय को बिना प्रशिक्षण के करने पर जोखिम का खतरा बना रहता है वहीं ज्ञान और प्रशिक्षण से चीजें सरल होती है साथ ही अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। यह एक ऐसा बाजार है जहां मुनाफा होना सुनिश्चित है क्योंकि मांग अधिक है और पूर्ति उसके अनुरूप नहीं है। उन्होंने मुर्गीपालन में एकाउंटिंग का भी खास ख्याल रखने को कहा ताकि नुकसान के कारण का पता चल सके और उसपर काम किया जा सके। वैक्सीन पर बात करते हुए उन्होंने कहा की समय-समय पर मुर्गियों का टीकाकरण आवश्यक है साथ ही इस व्यवसाय में उचित प्रबंधन और मटेरियल, चूजों की क्वालिटी, मुर्गी दाने की क्वालिटी इत्यादि पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ. रविंद्र कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य के किसानों और बेरोजगार युवकों के आजीविका में सुधार हेतु ये प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इस प्रशिक्षण के बाद लेयर फार्मिंग, ब्रायलर मुर्गी पालन और बैकयार्ड पोल्ट्री को करने में आसानी होगी और बेहतर परिणाम पाए जा सकते है। उन्होंने कहा कि बिहार में मुर्गी पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है, इस अवसर का लाभ उठाकर बेहतर आय कमाया जा सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे बैकयार्ड पोल्ट्री प्रोजेक्ट के और पोल्ट्री सीड प्रोजेक्ट की जानकारी दी और बताया की आने वाले दिनों में छोटे साइज के हैचरी निर्माण के तकनीक पर शोध कार्य किया जा रहा है जिसे जल्द ही धरातल पर लाया जाएगा जिससे मुर्गी पालन के क्षेत्र में व्यवसाय करने के इच्छुक लोगों को लाभ मिलेगा। इस अवसर पर डॉ. पंकज कुमार, कुक्कुट अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के अफसर इंचार्ज डॉ. कौशलेन्द्र, डॉ. रवि रंजन सिन्हा और डॉ. प्रमोद कुमार मौजूद थे।
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