किसी प्रशिक्षण की जरुरत इसलिए होती है ताकि जो व्यव्हार में लाया जा रहा है उसके गुणवत्ता में सुधार हो और उत्पादकता को बढ़ाया जा सके। महिलाओं को बराबरी का हिस्सा दिलाने के लिए सभी को आगे आना होगा और मिलकर काम करना होगा। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का योगदान अतुलनीय है, वे जिस भी क्षेत्र में रहती हैं एक मिसाल पेश करती है उक्त बातें बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डॉ. रामेशवर सिंह ने कहीं। वे राष्ट्रीय महिला आयोग, भारत सरकार एवं बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा प्रायोजित डेयरी फार्मिंग सेक्टर में महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।
उन्होंने आगे कहा की सरकार महिलाओं के उत्थान में पुरजोर कार्य कर रही हैं। उन्होंने प्रशिक्षु महिलाओं को सहकारिता और डेयरी के क्षेत्र में बेहतर करने के उपाय बताएं और कहा की कम कीमत में पशुओं को उत्तम आहार का प्रबंधन करना बहुत बड़ी चुनौती है जिसे सीखना जरुरी है, इस प्रशिक्षण से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम होगा जिससे सहकारिता को संबल प्रदान होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कम्फेड के जनरल मैनेजर आर.के. मिश्रा ने कहा की महिलाएं अपने सहायता समूह को और मजबूत करने पर बल दे, साथ ही इन प्रशिक्षण के माध्यम से अधिक से अधिक लाभ लेने की कोशिश करें ताकि फील्ड में जाने के बाद यहाँ से अर्जित ज्ञान को उपयोग में लाकर दूध के उत्पादकता में बढ़ोतरी कर अधिक मुनाफा कमाया जा सके।
इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के निदेशक आवासीय निर्देश डॉ. वीर सिंह, निदेशक अनुसन्धान डॉ.वी.के. सक्सेना, डीन बिहार वेटरनरी कॉलेज डॉ. जे.के. प्रसाद , कुलसचिव डॉ. संजीव कुमार, ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर डॉ. गार्गी महापात्रा, डॉ. भावना, डॉ. संजीव, डॉ. सूर्यमणि, डॉ. रोहित सहित अन्य उपस्थित थे।
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