हर वर्ष भारत के कुछ चिन्हित छात्र, पेशेवर और स्कॉलर्स हायर एजुकेशन के लिए विश्व के अलग अलग देशों में जाते हैं। क्योंकि दूसरे देशों में पढ़ाई करना हर किसी की जेबों के लिए आसान नहीं है, इसलिए दुनियाभर में ऐसी बहुत सी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं हैं जो मेधावी छात्रों को पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप देती हैं, जिसके मदद से छात्रों के बेहतर पढ़ाई का रास्ता आसान हो जाता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में पढ़ने हेतु भारत में संयुक्त राज्य-भारत एजुकेशनल फाउंडेशन के सहयोग से कई छात्रों को पठन-पाठन, शोध व फ़ेलोशिप के लिए संयुक्त राज्य भेजा जाता है। युनाइटेड स्टेट्स-इंडिया एजुकेशनल फाउंडेशन (यूएसआईईएफ) अमेरिका और भारत के बीच शैक्षिक सलाह, फेलोशिप समर्थन और शैक्षणिक संवाद को सुविधाजनक बनाने में कार्यरत है। इसी कड़ी में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में यूएसआईईएफ द्वारा संयुक्त राष्ट्र में शोध, पढाई करने और फुलब्राइट फ़ेलोशिप पाने हेतु आवेदन प्रक्रिया, अहर्ता और अन्य मापदंडो पर फाउंडेशन के द्वारा एक प्रेजेंटेशन दिया गया।
विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर शिक्षा निदेशालय, शोध निदेशालय और अकेडमिक सेल द्वारा आयोजित इस आउटरीच प्रोग्राम में बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, संजय गाँधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना और मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज के छात्रों व् शिक्षकों ने भाग लिया और जानकारियां प्राप्त की। प्रोग्राम में यूएसआईईएफ के क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता के रीजनल अफसर सुमांता बासु और प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रतिभा नैयर ने लोगों को सम्बोधित किया और फुलब्राइट-नेहरू फ़ेलोशिप, फुलब्राइट-कलाम क्लाइमेट फ़ेलोशिप और अन्य फ़ेलोशिपस के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।
इस अवसर पर निदेशक आवासीय निर्देश-सह-अधिष्ठाता स्नातकोत्तर शिक्षा डॉ. वीर सिंह, निदेशक शोध डॉ. वी.के. सक्सेना, डीन, मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज डॉ. वी.पी. सैनी, डॉ. अजीत, जनसम्पर्क पदाधिकारी सत्य कुमार सहित तीनों महाविद्यालयों के छात्र व् शिक्षक मौजूद थे।
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