कृषि संस्‍थानों, विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और कृषि व्‍यापार के बीच बेहतर तालमेल के जरिए भारत और तुर्की बढायेंगे आपसी सहयोग

5
(50)

18 दिसम्बर 2018: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने तुर्की की व्‍यापार मंत्री सुश्री रूहसर पेक्सकन से आज नई दिल्‍ली में मुलाकात की और सरकारी कृषि संस्‍थानों, विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और कृषि व्‍यापार के बीच बेहतर तालमेल के जरिए दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार ने मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड, जैविक खेती, कृषि बीमा, सिंचाई, ई-नाम जैसे केन्द्रित कार्यक्रमों के जरिए 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्‍य रखा है। सरकार किसानों की बेहतर आमदनी के लिए फसल की कटाई के बाद के प्रबंधन को मजबूत करने पर ध्‍यान दे रही है। उन्‍होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में काफी प्रगति की है। श्री सिंह ने कहा कि भारत ने खाद्य सुरक्षा हासिल कर ली है और कृषि उत्‍पादों का एक बड़ा निर्यातक बन चुका है।

और देखें :  सर्दियों/ शीत ऋतु में पशुओं का प्रबंधन

भारत और तुर्की के बीच लंबे, नजदीकी और दोस्‍ताना संबंधों को देखते हुए श्री सिंह ने दोनों पक्षों से कहा कि वे आपसी सहयोग के लिए विभिन्‍न क्षेत्रों की पहचान करें और नोडल अधिकारियों को यह जिम्‍मेदारी दें ताकि दोनों देशों के बीच हुए समझौतों को आगे बढ़ाया जा सके। भारत और तुर्की ने आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए थे जिसके आधार पर भारत में 2010 में दोनों देशों के बीच संचालन समिति की पहली बैठक हुई थी। इसके लिए कार्य योजना भी तैयार की गई है।

और देखें :  राजस्थान- नयी सरकार का फैसला किसानों के हित में सहकारी बैंकों के समस्त बकाया फसली ऋण माफ

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 5 ⭐ (50 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

और देखें :  फरवरी/ माघ माह में पशुपालन कार्यों का विवरण

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*