हमनें वोट बैंक की राजनीति नहीं की हमनें किसान को मजबूत करने का काम किया है- प्रधानमंत्री

5
(50)

4 जनवरी 2019: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के पलामू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को सशक्‍त करने के लिए जिन योजनाओं पर काम होना चाहिए था उनको लेकर पहले की सरकारों का क्‍या रवैया रहा उसकी गवाही यहां की उत्‍तर कोयल परियोजना दे रही है। ये मंडल डैम प्रोजेक्‍ट उसकी गवाही है। सोचिए 47 साल यानी आधी सदी ये परियोजना खंडहर के रूप में अधूरी लटकी पड़ी है। 1972 में इसकी फाइलें चली थी और फिर लटकती रही, भटकती रही। पिछले 25 साल से इस परियोजना का काम एक तरफ से ठप्‍प ही पड़ा हुआ था।

मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास का धन्यवाद करते हुए कहा कि कि दोनों सरकारों ने मिलकर के, दोनों राज्‍यों से जुड़े हुए इस प्रोजेक्‍ट को संपन्‍न करने की दिशा में समझदारी पूर्वक कदम उठाया है।

उन्होंने कहा, आज कुछ लोग देश के किसानों को कर्जमाफी के नाम पर बहला रहे हैं, किसानों से झूठ बोल रहे हैं। मुझे पता है कि उन्‍होंने कभी उत्‍तर कोयल परियोजना का नाम तक नहीं सुना होगा। मोदी ने किसानों की कर्जमाफी पर बोलते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा की जब उनकी सरकार केंद्र में थी तो ऐसे लोगों ने कभी परवाह ही नहीं की कि देश में जो सिंचाई परियोजनाएं बरसों से अटकी हैं, अधूरी हैं उन्‍हें पूरा किया जाए।

और देखें :  किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये के रियायती ऋण का प्रोत्साहन

उन्होंने कहा, अगर मुझे राजनीति करनी होती अगर मुझे किसानों को वोट बैंक का हिस्‍सा ही बना कर रखना होता तो मेरे लिए तो बहुत सरल था ये 1 लाख करोड़ रुपये की इतनी सारी जिन योजनाओं के पीछे मेहनत करने की क्‍या जरूरत थी। दिन-रात पूछताछ करने की क्‍या जरूरत थी, बाबुओं को दौड़ाने की क्‍या जरूरत थी। सीधा-साधा 1 लाख करोड़ रुपया किसानों को कर्जमाफी करके बस बांट देता। लेकिन मैंने किसानों को गुमराह करने वाला रास्‍ता नहीं चुना, पाप नहीं किया। कर्जमाफी तो एक पीढ़ी की हो जाती, एक साल की हो जाती लेकिन 1 लाख करोड़ से जो पानी आएगा वो आने वाली सदियों तक लोगों का भला करेगा। किसान की 5-5, 25-25 पीढ़ी का भला करेगा। उन्होंने कहा, किसान कभी कर्जदार न बने और हमनें वो वोट बैंक की राजनीति नहीं की, हमनें किसान को मजबूत करने का काम किया है।

और देखें :  संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास के लक्ष्य

उन्होंने कहा, हमारी सरकार खेती और किसान को सशक्‍त करने के लिए एक नई सोच के साथ आगे बढ़ रही है हमारा प्रयास बीज से बाजार तक नई व्‍यवस्‍थाएं खड़ी करके किसान को मजबूत करने का है।

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 5 ⭐ (50 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

और देखें :  पशुधन से समृद्धि की ओर

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*