07 मार्च 2019: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को श्यामपुर ऋषिकेश में “राष्ट्रीय गोकुल योजना” (RGM) के अन्तर्गत उत्तराखण्ड लाइव स्टाक डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा संचालित 47.50 करोड़ लागत की देश की पहली “सेक्स सार्टड सीमन उत्पादन परियोजना एवं प्रयोगशाला” का लोकार्पण किया इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग की 11 अन्य योजनाओं के शिलान्यास सहित कुल 101.52 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर जिन योजनाओं का शिलान्यास किया उनमें “भ्रूण प्रत्यारोपण प्रशिक्षण केन्द्र” कालसी में हाॅस्टल का निर्माण लागत 4.63 करोड़, “क्रास ब्रीड हिफर रियरिंग फार्म”, पशुलोक ऋषिकेश लागत 10.33 करोड़, “सैन्टर ऑफ़ एक्सीलेन्स”, भ्रूण प्रत्यारोपण, कालसी, देहरादून लागत 15.00 करोड़, “राजकीय बकरी प्रजनन प्रक्षेत्र”, डुन्डा, उत्तरकाशी लागत 3.51 करोड़, “स्टेट रेफरल सैन्टर”, ट्रान्सपोर्ट नगर, देहरादून लागत 3.07 करोड़, “राजकीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र”, थलकुण्डी, उत्तरकाशी लागत 2.58, “उत्तराखण्ड राज्य पशुचिकित्सा परिषद् देहरादून में प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण लागत 4.28 करोड़, “राजकीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र, खलियान बांगर, रूद्रप्रयाग लागत 2.99 करोड़, “राजकीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र”, कोपड़धार, टिहरी गढ़वाल लागत 2.64 करोड़, “राजकीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र”, पीपलकोेटी, चमोली लागत 2.50 करोड़, “राजकीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र”, केदारकाॅठा, चमोली लागत 2.49 करोड़ शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सेक्स सार्टड सीमन प्रयोगशाला में तैयार होने वाले स्ट्रा का मूल्य यद्यपि 1150 प्रति स्ट्रा है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा रू 450 का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के पशुपालकों के व्यापक हित में इसके लिए 400 रूपए का अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिये जाने की घोषणा की, इस प्रकार प्रदेश के पशुपालकों को 1150 रूपए का स्ट्रा मात्र 300 रूपए में उपलब्ध हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए यू0एस0ए0 की फर्म “इगुरान सोर्टिंग टेक्नालाजी” एल.एल.पी. अनुबन्धित की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समेकित दुग्ध विकास योजना के तहत लाभार्थियों को 100 मोटर बाइक भी प्रदान करने की योजना के तहत प्रतीक स्वरूप बाइक की चाबी प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गो वंशीय पशुओं की संख्या 20.06 लाख तथा महिष वंशीय पशुओं की संख्या 9.80 लाख है। इसमें देशी नश्ल के गोवंश की संख्या 5.42 लाख तथा क्रासबीड की संख्या 2.56 लाख है। उन्होंने कहा कि गोकुल ग्राम योजना के तहत देशी गोवंश को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन गायों का दुध व गोमूत्र को गुणवत्ता सबसे अच्छी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देशी गाय (बद्री गाय) की संख्या जरूर कम है लकिन इसकी गुणवत्ता सबसे अच्छी है। इस नस्ल की गायों के संवर्धन के लिये चमावत में बद्री गो संवर्धन केन्द्र स्थापित किया गया है। यहां पर इनकी नस्ल सुधार एवं गुणवत्ता के विकास पर ध्यान दिया जा है वहां पर इस समय 150 गायें है इनकी संख्या बढाने के प्रयास किये जाने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा प्रगतिशील पशुपालकों के हित में संचालित योजनाओं के माध्यम से भेड़ बकरी पालकों को अच्छी नस्ल तथा उच्च वंशावली के नरों को उपलब्ध करवाया जाएगा। इंटरवेंशन से भेड़ बकरी पालकों के पशुधन में सुधार होगा तथा ऊन व मांस के अधिक उत्पादन से उनकी आय में गुणात्मक वृद्धि होगी।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि निर्धारित अवधि से पूर्व इस महत्वपूर्ण योजना का शुभारम्भ होना बेहतर कार्य संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने इस प्रकार की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक किसान व पशुपालकों को पहुंचे इसके लिए प्रभावी प्रयास करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गाय को गौ माता का सम्मान देने के लिए उत्तराखंड द्वारा प्रभावी पहल की गई है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पशुपालन मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों, पशुपालकों के व्यापक हित में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पशुपालकों व मत्स्यपालकों को भी किसान का दर्जा दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी इन्हें प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से दूध वितरण की व्यवस्था का शुभारम्भ किया गया है।
इस अवसर पर सचिव पशुपालन श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा कि पशुपालन विभाग पशुपालकों के कल्याण हुतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड सेक्स सार्टड सीमन उत्पादन प्रयोगशाला स्थापित करने की तकनीक का प्रयोग करने वाला पहला राज्य है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड लाईवस्टाक डेवलपमेन्ट बोर्ड द्वारा कालसी स्थित भू्रण प्रत्यारोपण केन्द्र के सुदृढ़ीकरण के तहत उक्त प्रयोगशाला को राष्ट्र का सर्वश्रेष्ठ केंद्र के रूप में विकसित करने हेतु रुपये 15 करोड़ की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी तथा साथ-साथ उक्त स्थान पर इसके साथ प्रशिक्षुओं हेतु अत्याधुनिक हॉस्टल का भी निर्माण रुपए 4.63 करोड़ की लागत से किया जाएगा इस केंद्र पर समस्त देश के पशु चिकित्साविदों तथा वैज्ञानिकों को भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक का गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उच्च नस्ल की वंशावली के पशुओं में वृद्धि की जाएगी तथा प्रदेश एवं सम्पूर्ण राष्ट्र के दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी। उत्तराखंड लाइव स्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा रुपए 10.33 करोड़ की लागत से पशुलोक प्रक्षेत्र ऋषिकेश में क्रॉस ब्रीड हीफर रियरिग फार्म की स्थापना की जाएगी उक्त योजना के तहत उत्तराखंड के पशुपालकों को उन्नत नस्ल की बछियां तैयार कर उपलब्ध कराई जाएंगी योजना के संचालन से प्रदेश के पशुपालकों के अवर्गीकृत उत्पादन करने वाले पशुओं को रिप्लेस किया जाएगा जिससे उनके जेर्मपूल में योगदान से राज्य के पशुधन में अनुवांशिक सुधार हो सकेगा।
इस अवसर पर मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनीता ममगाई, इगुरान सोर्टिंग टेक्नालाजी के श्री प्रकाश कालेकर, उत्तराखण्ड पशुकल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री विनोद आर्य, निदेशक पशुपालन डा. के.के.जोशी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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