28 जून 2019: मत्स्य, पशुपालन और डेरी राज्य मंत्री डॉ0 संजीव कुमार बाल्यान ने आज राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी कि विभाग देश में दूध की कीमतों को नियंत्रित नहीं करता है। उत्पादन की लागत के आधार पर कीमतें सहकारी और निजी डेयरियों द्वारा तय की जाती हैं। चूंकि दूध एक शीघ्र खराब होने वाला उत्पाद है, इसलिए इस विभाग के पास देश में दूध के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। दूध के उत्पादन में देश आगे आया है, क्योंकि दूध का उत्पादन हर साल बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान उत्पादन 137.68 मिलियन टन था जो प्रतिवर्ष बढ़ते हुए वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 176.35 मिलियन टन हो गया है।
एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने ये जानकारी दी कि, कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीडीएफआई) ने थोक में बिकने वाले उत्पादों जैसे Skimmed Milk Powder और मक्खन के व्यापार के लिए जून, 2015 में एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस “NCDFI e-Market” लॉन्च किया है। वर्तमान में, केवल NCDFI की सदस्य सहकारी समितियों को ही पोर्टल पर बेचने की अनुमति है। कर्नाटक दुग्ध महासंघ लिमिटेड (नंदिनी डेयरी) और गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (अमूल) जैसी प्रमुख डेयरी सहकारी समितियों के पास अपने दूध उत्पादों को बेचने के लिए अपना डिजिटल प्लेटफॉर्म है। उपरोक्त के अलावा, इन्टरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, www.countrydelight.in, www.awesomedairy.com, www.grofers.com, www.naturesbasket.co.in, www.b2cart, www.bigbasket.com डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म भी देश में डेयरी उत्पादों का विपणन करते हैं।
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