हरियाणा सरकार ने डेयरी किसानों को दूध उपकर पर दी बड़ी राहत

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11 सितंबर 2019: हरियाणा सरकार ने डेयरी किसानों को एक बड़ी राहत देते हुए दूध उपकर पर 1268 करोड़ रुपये की छूट देने का निर्णय किया है। पशु पालन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इस निर्णय से दुग्ध संयंत्रों को अपनी दिन-प्रतिदिन की कार्यशील पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने और बेहतर कीमत पर अधिक दूध खरीदने में मदद मिलेगी, जिससे किसान और अधिक समृद्ध होंगे।

उन्होंने बताया कि राज्य में दुग्ध संयंत्रों पर लगाए गए दूध उपकर के पिछले बकायों के लिए ‘एकमुश्त निपटान’ योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत डिफाल्टर इकाई को योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए 12 प्रतिशत की दर से सरल ब्याज गणना (डिफ़ॉल्ट तिथि से) के साथ दूध उपकर की लंबित मूल राशि का भुगतान करने की अनुमति दी जाएगी। यह भी प्रस्तावित है कि संबंधित कम्पनी को देय राशि के 50 प्रतिशत (मूल और ब्याज) का भुगतान 60 दिनों के भीतर करना होगा और शेष राशि का भुगतान छ: महीनों के भीतर छ: समान किस्तों में किया जा सकता है अन्यथा शेष राशि पर 15 प्रतिशत साधारण ब्याज लगेगा।

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प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना इसकी घोषणा की तिथि से 60 दिनों के लिए वैध होगी और योजना के लिए आवेदन करने के 60 दिनों के भीतर 50 प्रतिशत राशि के भुगतान को योजना का चयन किया गया माना जाएगा। उन्होंने बताया कि दुग्ध उपकर को वर्ष 2001 में हरियाणा मुर्राह भैंस और अन्य दुधारू पशु नस्ल (पशुपालन एवं डेयरी विकास क्षेत्र का संरक्षण एवं विकास) अधिनियम 2001 की धारा 6 की उपधारा 1 के तहत शुरू किया गया था। यह योजना प्रतिदिन 10,000 लीटर से अधिक दूध प्रसंस्करण क्षमता वाले दुग्ध संयंत्रों पर  लागू होगी और चिलिंग प्लांट्स आदि पर नहीं। इसके अतिरिक्त, यह योजना हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड की स्थापना के अलावा मुर्राह, साहीवाल और हरियाण नस्लों के विकास में मदद करने के लिए होगी।

हरियाणा में दुग्ध उद्योग की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि बैंकों द्वारा संचित ब्याज, जोकि मासिक यौगिक आधार पर प्रतिवर्ष वसूला जाता है, के विरुद्ध कार्यशील पूंजी देने से इनकार किए जाने के कारण इस समय केवल 23 दुग्ध संयंत्र ही काम कर रहे हैं। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि दुग्ध संयंत्रों के मालिकों द्वारा काफी समय से प्रतिवेदन दिया जा रहा था कि उन्हें दूध उपकर (शेष राशि 69.55 करोड़ जिसमें से केवल 38.05 करोड़ रुपये निजी संयंत्रों से हैं, बाकि सहकारी डेयरी संयंत्रों और एनडीआरआई का है) और ब्याज जोकि 31 मार्च, 2019 तक 1278.61 करोड़ रुपये बनता है की वसूली के लिए हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड से नोटिस प्राप्त हो रहे हैं।

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