बड़ी संख्या में किसान हो रहे हैं आकर्षित कृषि विज्ञान केन्द्रों की तकनीकों की ओर

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30 सितम्बर 20 19: पंतनगर विश्वविद्यालय में चल रहे अखिल भारतीय किसान मेला एवं उद्योग प्रदर्शनी में पंतनगर विश्वविद्यालय एवं अन्य सरकारी क्षेत्रों के स्टालों पर किसानों के लिए विभिन्न उत्पादन तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है, जो सभी प्रकार के किसानों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक हैं। विश्वविद्यालय के उत्तराखण्ड में फैले कृषि विज्ञान केन्द्रों के स्टालों पर विभिन्न सब्जी एवं फलों की उत्पादन तकनीकें किसानों को बतायी जा रही हैं।

पंतनगर किसान मेले में 09 प्रगतिषील कृषकों को किया सम्मानित
पंतनगर में आयोजित अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि, श्रीमती रेखा भण्डारी एवं कुलपति, डा. तेज प्रताप, ने गांधी हाल में खेती में अभिनव प्रयोग करने और उल्लेखनीय सफलता के लिए राज्य के विभिन्न जनपदों से चुने गये 09 प्रगतिशील कृषकों को प्रतीक चिन्ह व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले किसानों में श्री केदार दत्त जोशी, ग्राम ग्वीनाडा मल्ला, जिला चम्पावत; श्री रधुवीर सिंह, ग्राम दुधलादयालवाला, जिला हरिद्वार; श्रीमती प्रियंका पाण्डे, ग्राम काॅटे, जिला पिथौरागढ़; श्रीमती मंजू रावत, ग्राम लोल्टी (तुंगेश्वर), जिला चमोली; श्री आनन्द मणि भट्ट, ग्राम अलचैना (चाँफी), जिला नैनीताल; श्री संजय कुमार, ग्राम धर्मावाला, जिला देहरादून; श्री शेर सिंह लटवाल, ग्राम चैसली, जिला अल्मोड़ा; श्री रजत कचुरा, ग्राम बिन्दुखेड़ा, जिला ऊधमसिंह नगर; एवं श्री बलवीर सिंह रावत, ग्राम कैंथा, जिला रूद्रप्रयाग, सम्मिलित थे।

बड़ी संख्या में किसान हो रहे हैं आकर्षित कृषि विज्ञान केन्द्रों की तकनीकों की ओर
कृषि विज्ञान केन्द्र, काशीपुर के स्टाल पर महिलाओं को सशक्त करने की विधाओं की जानकारियां एवं उनके द्वारा बनाये गये उत्पाद महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के स्टालों पर भी वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों द्वारा किसानों को खेती के साथ किये जाने वाले सह-व्यवसाय एवं आय दोगुनी करने हेतु नयी-नयी जानकारियां दी जा रही हैं। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा, के स्टाल पर पर्वतीय क्षेत्रों में खेती को सुलभ बनाने हेतु उपकरण और पर्वतीय फसलों, गेहूं, मादिरा, शिमला मिर्च, लहसुन, चेरी टमाटर आदि, के बीजों का प्रदर्शन किसानों के आकर्षण का केन्द्र है। शहतूती रेशम, अरण्डी रेशम, मूंगा रेशम, एरी रेशम, ओक और ट्रापिकल टसर रेशम बनाने की जानकारी रेशम विकास विभाग के स्टाल पर दी जा रही है।

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्टाल पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता हेतु कानूनी अधिकार से संबंधित साहित्यों का वितरण किया जा रहा है। रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (डिवेट), हल्द्वानी, के स्टाल पर बायो-डीजल एवं सब्जियों की संकर किस्में किसानों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं। वी.सी.एस.जी  उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार, के प्रसार निदेषालय के स्टाल पर बारहनाजा के बारह मिलेट के साथ शिमला मिर्च की लाल, पीली एवं हरी किस्म किसानों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन रही हैं। पंतनगर विश्वविद्यालय एवं आत्मा के सौजन्य से गन्ना, रेषम, मत्स्य, पशुपालन, उद्यान एवं खाद्यान्न के स्टालों पर जानकारियां दी जा रही हैं। अन्य कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा भी अपने-अपने क्षेत्र की फसलों की उत्पादन तकनीक किसानों को बतायी जा रही हैं। वस्तुतः ये एवं ऐसे अन्य सरकारी संस्थाओं के स्टाल अपनी-अपनी जानकारियों से किसानों को उन्नत तकनीकें एवं विधियां देने का भरसक प्रयास कर रहे हैं, जिससे वे कम व्यय में अधिक उत्पादन एवं आय प्राप्त कर सकें।

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डा. सलीम की होल्स्टीन गाभिन बछिया रही सर्वोत्तम पशु
पंतनगर विश्वविद्यालय में चल रहे चार-दिवसीय किसान मेले के तीसरे दिन पशुचिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान  महाविद्यालय के प्रांगण में पशु-प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें पशुपालकों ने अपने पशुओं का 6 वर्गों में प्रदर्शन किया। इस पशु-प्रदर्शनी में डा. सलीम पुत्र श्री भूरे, किच्छा, की गाभिन बछिया को सर्वोत्तम पशु घोषित किया गया, जिसे कुलपति, डा. तेज प्रताप, ने रिबन बांधकर सुशोभित किया। इस पशु-प्रदर्शनी में कुल 30 पशु सम्मिलित हुए। इस प्रदर्शनी में गाभिन बछिया वर्ग में डा. सलीम की बछिया, होल्स्टीन गाभिन गाय वर्ग में अनिकेत की गाय, बछिया वर्ग में विजय प्रसाद की बछिया, हालस्टीन दुधारू गाय वर्ग में रूद्रांष की गाय, प्रथम स्थान पर रहे। गाभिन बछिया वर्ग में हरेन्द्र यादव की बछिया, हालस्टीन गाभिन गाय वर्ग में गोविन्दा की गाय, बछिया वर्ग में साहब हुसैन की बछिया एवं हालस्टीन दुधारू गाय वर्ग में शाहाबुद्दीन की गाय, द्वितीय स्थान पर रहे। गो-वत्स वर्ग में संदीप कुमार एवं रविन्द्र का गो-वत्स, द्वितीय स्थान पर रहे, इस वर्ग में प्रथम स्थान पर कोई गो-वत्स नहीं चुना गया। जर्सी-क्रास दुधारू गाय वर्ग में प्रथम व द्वितीय स्थान पर कोई पशु नही चुना गया। इस वर्ग में तृतीय स्थान पर सकतू प्रसाद की गाय रही। इस पशु-प्रदर्शनी के संयोजक, अधिष्ठाता पशुचिकित्सा, डा. वाई.पी.एस. डबास, एवं सह-संयोजक, डा. अवधेष कुमार, थे। निर्णायक मण्डल में डा. डी. कुमार, डा. एस.के. शुक्ला तथा डा. वी.एस. राजौरा, थे। इस कार्यक्रम के आयोजन में डा. जे.एल. सिंह, डा. आर.के. शर्मा, डा. सुनील कुमार, डा. अमित प्रसाद, डा. राजीव कुमार एवं डा. एस.के सिंह, ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया।

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