दो दिवसीय बहराइच जनपद भ्रमण पर आयीं अपर मुख्य सचिव, राजस्व एवं बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन/नोडल अधिकारी जनपद बहराइच श्रीमती रेणुका कुमार ने पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों का जायज़ा लेने के उद्देश्य से मंगलवार को शाम मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द चैहान व विभागीय अधिकारियों के साथ विकास खण्ड चित्तौरा अन्तर्गत संचालित अस्थायी गो आश्रय स्थल फुलवरिया तथा ग्राम जरवल में प्रगतिशील कृषक गुलाम मोहम्मद द्वारा संचालित कड़कनाथ, बटेर एवं लेयर फार्म का सघन निरीक्षण कर व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा मौजूद अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
अस्थायी गो आश्रय स्थल के निरीक्षण के दौरान 40 गोवंशीय पशु संरक्षित पाये गये। गो आश्रय स्थल पर चारा/दाना/पानी व चिकित्सा की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ ठंड से बचाव हेतु शेड के चारो तरफ तिरपाल लगा होने तथा सभी पशु काऊकोट पहने हुए पाये जाने पर श्रीमती कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सीवीओ को निर्देश दिया कि सभी व्यवस्थाओं को इसी प्रकार से मेनटेन रखा जाय। इसके पश्चात नोडल अधिकारी ने ग्राम जरवल पहुॅचकर जनपद में अभिनव प्रयोग के तौर पर प्रगतिशील कृषक गुलाम मोहम्मद द्वारा संचालित किये जा रहे कड़कनाथ, बटेर एवं लेयर फार्म का सघन निरीक्षण कर मौके पर मौजूद मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. बलवन्त सिंह व कृषक से जानकारी प्राप्त की। कृषक ने नोडल अधिकारी को बताया कि पूर्व नोडल अधिकारी मुकेश मेश्राम की प्रेरणा तथा सीवीओ डाॅ. सिंह के प्रयासों से उसने माह दिसम्बर, 2018 में मध्य प्रदेश के झबुआ से 300 कड़कनाथ के चूजे तथा 100 चूजे बटेर के निबलेट फार्म से मंगाये थे। जिनका पालन पशुपालन विभाग बहराइच की देख-रेख में किया गया।
श्री मोहम्मद ने बताया कि फार्म हाउस पर वर्तमान समय में केरल से मॅगायी गयी 600 अण्डे क्षमता की दो इन्क्यूबेटर मशीनों द्वारा हैचिंग करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 4000 कड़कनाथ चूजों का विक्रय रू. 70.00 की दर से 2200 चूजों की बिक्री नानपारा, बिछिया व बहराइच में की गयी तथा 1800 चूजों की बिक्री फैजाबाद, गोण्डा व सीतापुर जनपदांे में की गयी है। उन्होंने यह भी बताया कि कड़कनाथ मुर्गा जो कि 3.5 माह मे तैयार हो जाता है, प्रति मुर्गा 1800 से 2200 रूपये की दर से बिक जाता है, जिसमें लगभग 700 रूपये की लागत आती है, तथा प्रति अण्डा 30 रूपये का विकता है, जिसकी लागत 10 रूपये आती है। इसी प्रकार बटेर के अण्डों की हैचिंग भी उन्ही मशीनों से की जाती है। बटेर का एक चूजा 35 दिन में तैयार होता है जिसका वजन लगभग 100 ग्राम होता है। तैयार बटेर 50 रूपये में बिकती है जबकि उसे तैयार करने में 15 से 20 रूपये का खर्च आता है।
इसके पश्चात नोडल अधिकारी ने कृषक गुलाम मोहम्मद द्वारा कुक्कुट विकास नीति 2013 द्वारा जून 2017 में स्थापित 10000 क्षमता के लेयर फार्म का भी निरीक्षण किया। वर्तमान समय में यहाॅ पर 10 हज़ार पक्षी हैं, जिनसे लगभग 9000 अण्डों का उत्पादन प्रति दिन हो रहा है, जिसमे 50 से 60 पैसा प्रति अण्डा की बचत हो जाती है। नोडल अधिकारी ने पशुपालन विभाग द्वारा जनपद में कराये गये कार्यों की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए निर्देश दिया कि अधिक से अधिक किसानों को ऐसे व्यवसायों से जोड़ा जाय तथा श्री मोहम्मद जैसे प्रगतिशील कृषकों की सक्सेज स्टोरी तैयार करायी जाय।
निरीक्षण के समय मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द चैहान, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. बलवन्त सिंह, उप जिलाधिकारी कैसरगंज रामजीत मौर्य, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एस.के तिवारी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. शिव कुमार, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ, पशु चिकित्साधिकारी चित्तौरा डाॅ विश्वनाथ प्रताप व जरवल के डाॅ. राजीव सक्सेना मौजूद रहे।
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