बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के अंगीभूत कॉलेज बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय में एल्युमनी मीट-सह-सेमिनार का आयोजन किया गया, स्ट्रेटेजीज फ़ॉर लाइवस्टॉक इम्प्रूवमेंट इन इंडिया विषयक सेमिनार-सह-एल्युमनी मीट में बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के पूर्व छात्रों ने अपना अनुभव साझा किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन बिहार पशुचिकत्सा महाविद्यालय के प्रांगण में हुआ जिसमे डॉ एच आर मिश्रा, भूतपूर्व कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची, डॉ अलाउद्दीन अहमद भूतपूर्व कुलपति शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय-सह-डीडीजी भा.कृ.आ.प, डॉ. एस.पी शर्मा अध्यक्ष सेवानिवृत पशुचिकत्सक एसोसिएशन, डॉ एल.एन मंडल, पूर्व निदेशक, इंस्टिट्यूट ऑफ एनिमल एंड प्रोडक्शन के साथ बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अन्य भूतपूर्व छात्रों ने शिरकत किया। विवि के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने सभी एल्युमनी को सम्मानित किया,इस अवसर पर उन्होंने कहाँ की इस महाविद्यालय का इतिहास बहुत गौरवपूर्ण रहा है, इस महाविद्यालय ने हमारे देश के लगभग सभी हिस्सों और आसपास के देशों से भी कई विद्यार्थियों को पढ़ने का अवसर प्रदान किया है, ये एक ऐसी संस्था रही है जहाँ के छात्रों ने देश-विदेश में संस्था का नाम रौशन किया है। उन्होंने आगे कहा की किसी भी संस्था की प्रतिष्ठा उसके छात्रों से होता है और छात्रों के सफलता ने इसके मान-सम्मान को दशकों से बनाएं रखा है और आने वाले पीढ़ी इसे और आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाएंगे, उन्होंने विगत वर्षों में विश्वविद्यालय के कार्यों और तमाम गतिविधियों को साझा किया, साथ ही आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय द्वारा किये जाने वाले कार्यों की जानकारी दी, उन्होंने बताया कि जल्द ही हम अन्तर कॉलेज युथ फेस्टिवल का भी आयोजन करेंगे, और अपने एनिमल हॉस्पिटल के निर्माण कार्य की भी शुरुआत हो चुकी है, उन्होंने इस अवसर पर सरकार का भी आभार व्यक्त किया, हाल के दिनों में हुए रिक्रूटमेंट के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा की जल्द ही हम विश्वविद्यालय के अन्य 2 अंगीभूत महाविद्यालयों जिनमे संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्था और कॉलेज ऑफ फिशरीज किशनगंज में रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी।
इस मौके पर बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ जे.के. प्रसाद ने बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के इतिहास पर प्रकाश डाला, उन्होंने अब तक के सफर के बारे में बताया, उन्होंने इस अवसर पर एक लीड पेपर भी प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने भारत में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में कृत्रिम गर्भादान के महत्व पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा की भारत में वर्तमान में 30% कृत्रिम गर्भादान कवरेज है, और भारत सरकार ने 2021-22 तक इसे 50% करने का लक्ष्य निर्धारित की है, उन्होंने इस आंकड़े तक पहुँचने के लिए कितनी क्वालिटी सीमेन की जरूरत होगी, कितने बुल्स की जरूरत होगी तथा कैसी तकनीक की जरूरत होगी इसपर अपना व्याख्यान दिया। इस अवसर पर भूतपूर्व छात्रों ने विश्वविद्यालय के उत्थान के लिए कई सुझाव भी दिए सभी सेवानिवृत पशुचिकित्सकों ने अपने कार्यकाल में इस महाविद्यालय के लिए किये गए विकास के कार्यों से अवगत कराया साथ ही इस विश्वविद्यालय को और बेहतर बनाने पर चर्चा किया। एल्युमनी मीट के अवसर पर पुराने एल्युमनी एसोसिएशन का पुनर्गठन किया गया जिसके अध्यक्ष डीन बिहार पशुचिकित्सा महाविधालय डॉ. जे.के.प्रसाद को बनाया गया। कार्यक्रम में विवि के कुलसचिव डॉ पीके कपूर, डॉ रविंद्र कुमार, डॉ एके ठाकुर,डॉ पल्लव,सहित विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी और शिक्षकगण मौजूद थे।
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