कई क्रियाओं के संचालन के लिये विटामिन ‘A’ बहुत जरूरी है। इसकी कमी होने पर अंधापन, चमड़ी सूख कर सख्त हो जाती है। खुरचन उतरती रहती है प्रजनन क्षमता में कमी तथा नवजात बछड़ों में जन्मजात विकृतियां पैदा हो जाती है।
रोग के कारण
- हरे चारे की कमी।
- आंतों या लीवर की लम्बी बीमारी।
- गर्मी के दिनों में पशुको विटामिन ए की अधिक जरूरत पड़ती है।
- अधिक दाना युक्त आहार व सूखा चारा देने से विटामिन ‘A‘ की कमी रहती है।
- जिन पशुओं में थाइराईड ग्रन्थि व लीवर सही काम नहीं करते, कैरोटिन विटामिन ‘A’ में परिवर्तन नहीं हो पाता है। और कमी हो जाती है। कई संक्रामक रोगों के कारण भी इसकी कमी हो जाती है।
- कई दिनों तक तरल पैराफिन देने से विटामिन A की कमी हो जाती है।
- शरीर में विटामिन ‘E‘ तथा C की कमी।
विटामिन A क्यों जरूरी है
- शरीर की वृद्धि के लिये तथा इस की कमी से भूख कम तथा पशु दुबला रहता है।
- आंख की दृष्टि के लिये।
- हड्डियों की वृद्धि के लिये।
- त्वचा को कोमल लेकिन मजबूत बनाने के लिये।
- भ्रूण के विकास के लिये।विटामिन ’ए’ की कमी से श्वास नली में संक्रमण अधिक होता है।
- विटामिन ‘A’ की कमी से पथरी बनने की संभावना अधिक रहती है।
- विटामिन ’A’ की कमी से नर मादा दोनों की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है।
- शुक्राणुओं का बनना एवं अंडाणुओं का बनना प्रभावित होता है।
- विटामिन ‘A’ की कमी से रिटेंशन ऑफ़ प्लासेन्टा तथा गर्भपात की संभावना रहती है।
विटामिन ‘A’ का स्रोत
हरीघास, हरे चारे, दुग्ध, वसा, गाजर आदि।
इलाज: विटामिन इंजेक्शन
बछड़े: 200 आई.यू. पर पाउंड शरीर भार
गाय: 10 से 15 लाख आई.यू., गाय में
घोड़े: 2 से 2.5 लाख आई.यू.
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