केरल में हालिया बाढ़ ने डेयरी उद्योग को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। पशुपालन विभाग ने अनुमान लगाया है कि बाढ़ प्रभावित जिलों में हज़ारों पशु एवं लाखो मुर्गियां मारे गए हैं। खेत और पशु बाड़े नष्ट हो गए, और सैकड़ों पशुपालन पर निर्भर किसानों की आजीविका नष्ट हो गई। रिपोर्ट से अनुमान लगाया गया है कि इस क्षेत्र को लगभग ₹ 400 करोड़ का नुकसान हुआ है और प्रदेश के दूध उत्पादन में भारी कमी आई है।
पशुपालन विभाग द्वारा 50,000 से अधिक पशुओं को बचाया गया। विभाग ने ऊंचे स्थानों पर पुलों, सड़कों, पशु चिकित्सालयों, सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर अस्थायी पशु आश्रयों की स्थापना की। जिन पशुओं को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता थी उनको चिकित्सा उपलब्ध करायी गयी। वर्तमान में पशुओं हेतु भूसे एवं चारे की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के बाद संक्रामक पशु रोगों के फैलने की व्यापक सम्भावना होती है, इसलिए इलाज के लिए प्रत्येक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पशु चिकित्सा शिविर तुरंत खोले जाने पर भी विचार किया जा रहा है।
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