उत्तराखण्ड विधानसभा के सभा कक्ष में डॉ. धन सिंह रावत, सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की अध्यक्षता में ‘राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना’ के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे गये। इस परियोजना का मकसद राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है।
पालयट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किये गये प्रोग्राम के बेहत्तर परिणाम आ रहे हैं,इस महत्वकांक्षी परियोजना के तहत प्रदेश भर में 10 सेक्टरों में कार्य किया जायेगा। वर्तमान में 5 क्षेत्रों में पाइलेट प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू कर दिया गया है। जिसमें साइलेज उत्पादन, डमस्क रोज, सेब, अदरक, और लेमन ग्रास शामिल है। जिसके बेहत्तर परिणाम सामने आये हैं। इसके साथ ही दुग्ध उत्पादन, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन, कोल्ड चेन, फूड प्रोसेसिंग ई-मार्केटिंग, माॅर्डन बैंकिंग व सहकारी बैंक आदि योजना पर जल्द काम शुरू कर दिया जायेगा। इसके लिए विभिन्न क्षेत्र के स्वयंसेवी संस्थाओं के अनुभव और सुझाव भी लिये गये।
बैठक में परियोजना को धरातल पर उतारने और राज्य के लोगों को इसका अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा कर सुझाव दिये। बैठक में किसानों की आय को दोगुना करना, रिवर्स पलायन, बंजर भूमि का उपयोग, स्थानीय स्तर पर नर्सरी तैयार करना जैसे अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में अपर निबंधक परियोजना आनंद शुक्ला, संयुक्त निदेशक डेरी विकास जयदीप अरोड़ा, शैलेश पंवार, प्रबंधक हार्क, दिव्या रावत, निदेशक मशरूम उत्पादन संस्थान, विशाल सेठी, देवभूमि साइलेज, रतन सिंह असवाल, संयोजक पर्वतीय अजीविका उन्न्यन, शरद सुंद्रियाल सीईओ देव ऋषि सोसायटी, प्रेम चंद शर्मा, कृषि विशेषज्ञ, विपिन पैन्यूली सेब उत्पादन एवं विपणन, अनिल पसबोल, सुविधा संस्था सहित विभागीय अधिकारी और कई स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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