भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की कृषि तकनीक एवं अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान पटना ने जोन 4 अंतर्गत बिहार एवं झारखंड प्रांत के 68 कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए जोनल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी जी ने कहा कि पूरे देश में कृषि विज्ञान केंद्रों के द्वारा बहुत अच्छे कार्य किए जा रहे हैं इससे किसानों को अपनी खेती एवं पशुपालन संबंधित समस्याओं का निराकरण के साथ नवीनतम तकनीकों की जानकारी स्थानीय स्तर पर कृषि विज्ञान केंद्र से प्राप्त हो रही है जो भारत सरकार के द्वारा किसानों की आमदनी दोगुनी करने मैं बेहद सहायक सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इन केंद्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए कृत संकल्पित है बहुत जल्द जो भी सुझाव बिहार एवं झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति के द्वारा उल्लेखित किया गया है उनपर कार्य किया जाएगा।
बिहार सरकार के कृषि एवं पशुपालन मंत्री डॉक्टर प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार सरकार कृषि विज्ञान केंद्रों को समुचित सहयोग कर रही है और इनके द्वारा गरीब कल्याण रोजगार अभियान अंतर्गत जो कार्य किए जा रहे हैं वह काफी सराहनीय है, उन्होंने एफ.पी.ओ के गठन की भी बात कही उन्होंने आगे कहा की भारत सरकार और राज्य सरकार मिलकर किसानों के हितों के लिए बेहतर कार्य कर रही है जिसके तहत किसान सम्मान निधि का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाता में डीबीटी द्वारा भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा की इस निधि के तहत भुगतान में बिहार सबसे आगे है। कोविड के कारण लौटे प्रवासी मजदूरों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा की उनके कौशल विकास और प्रशिक्षण के लिए बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और राज्य के अन्य कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि उनके जीविकोपार्जन में कोई बाधा न आएं और वे अपने प्रदेश में रहकर बेहतर आय कमा सके।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने माननीय केंद्र मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि पूरे देश में कृषि विज्ञान केंद्रों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना हो रही है, उन्होंने आगे कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पूरे जोन के कृषि विज्ञान केंद्रों को पशुपालन के क्षेत्र में शोध संबंधित तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए कृत संकल्पित है। पशुपालन के क्षेत्र में यह विश्वविद्यालय पूरे जोन को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा एवं इसके लिए उन्होंने पशुपालन के जो विशेषज्ञ विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों में पदस्थापित हैं उनसे आग्रह किया की वह आवश्यक तकनीकी जानकारी इस विश्वविद्यालय से प्राप्त कर प्रदेश के किसान भाइयों को लाभ पहुंचाएं। इस कार्यशाला में सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के वार्षिक कार्य योजना की समीक्षा की जानी है।
कृषि विज्ञान केंद्र जमुई के 2020-21की कार्य योजना केंद्र प्रमुख डॉक्टर सुधीर कुमार सिंह के द्वारा प्रस्तुत की जानी है उन्होंने बताया कि इस वर्ष विशेष रुप से फल एवं मसाले की खेती के साथ पशुपालन के क्षेत्र में कार्य करने की योजना प्रस्तुत की जा रही है जिसमें मूल रूप से पशुपालन के विभिन्न प्रदर्शन इकाइयों की स्थापना कृषि विज्ञान केंद्रों में की जाएगी एवं मुर्गियों के चूजे केंद्र से तैयार किए जाने की योजना है जिसे कल स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जाएगा
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