गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, लुधियाना 20-21 सितंबर 2018 को पशु पालन मेला आयोजित करेगा

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गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (GADVASU), लुधियाना 20 सितंबर से  21 सितंबर, 2018 को दो दिवसीय रजत जयंती पशु पालन मेला आयोजित करेगा।

मेले के बारे में जानकारी देते हुए  डॉ0 ए0 एस0 नंदा, कुलपति, गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (GADVASU), ने कहा कि कृषि में विविधीकरण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, और यह मेला पशुपालकों को वैज्ञानिक तरीकों से पशुपालन को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि विविधीकरण के लिए पशुधन सबसे अच्छा विकल्प है। डॉ0 नंदा ने समझाया कि पशुधन उद्यम के भीतर न केवल डेयरी पालन बल्कि मत्स्य पालन, कुक्कुट, सुअर और बकरी पालन पशुधन में अच्छे विविधीकरण विकल्प हैं। पशुधन उत्पादों का मूल्यवर्धन इन व्यवसायों में बेहतर लाभप्रदता सुनिश्चित करता है। GADVASU पशुधन में नई प्रौद्योगिक तकनीको को विकसित करने के लिए अनुसंधान कर रहा है। पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय पंजाब के विभिन्न स्थानों पर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और क्षेत्रीय शोध केंद्र के माध्यम से भी कृषि एवं पशुधन से सम्बंधित सेवाओं का प्रचार प्रसार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस मेले का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करने हेतु वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना होगा। मेला नारा “वैज्ञानिक नुक्ते नस्ल सुधार, दुगुनी आमदन लाये बहार” जिसका अर्थ है ‘वैज्ञानिक हस्तक्षेप और नस्ल सुधार से किसान की अधिक समृद्धि एवं आय दोगुनी हो सकती है।’

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पशु पालन मेला

डॉ0 हरीश कुमार वर्मा, निदेशक प्रसार शिक्षा  GADVASU ने कहा कि पशु पालन मेले में विश्वविद्यालय के श्रेष्ठ जानवरों को प्रदर्शित किया जाएगा ताकि किसानों को विश्वविद्यालय से बेहतर जर्मप्लाज्म प्राप्त करके बेहतर पशुधन पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। मेले में डेयरी पालन, सुकर पालन, बकरी पालन और पशुपालन से सम्बंधित GADVASU पत्रिका ‘वैज्ञानिक पशू पालन’ भी किसानों के लिए उपलब्ध होंगी।

डॉ वर्मा ने कहा कि खनिज मिश्रण, यूरिया चाटन भेली, विश्वविद्यालय द्वारा तैयार बाईपास फैट भी मामूली दरों पर बेचा जाएगा। खुरों की साफ़ सफाई, थनों की साफ़ सफाई, चिचादियों की दवा अका प्रयोग, गेहूं के भूसे का यूरिया उपचार, यूरिया चाटन भेली को कैसे खिलाएं, बाईपास फैट, बाईपास प्रोटीन और हरे चारे का अचार(Silage) आदि भी मेले में प्रदर्शित किये जायेंगे। मूल्यवर्धन के लिए दूध और मांस प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों पर भी चर्चा की जाएगी। पशु पालको को थनैला परीक्षण, मल, श्लेष्म, दूध और दाने के नमूनों के परीक्षण आदि की सुविधाएँ नि: शुल्क मुहैया कराई जाएंगी। किसान विभिन्न पशुओं की बीमारियों के परीक्षण करने के लिए रक्त, मल, मूत्र आदि के नमूने ला सकते हैं। मेले के दौरान परीक्षण सुविधा मुफ्त होगी। जानवरों के साथ-साथ मनुष्यों में ब्रुसेलोसिस बीमारी का परीक्षण भी किया जाएगा जो पशुओं से मनुष्यों में फैलती है।

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पशु चिकित्सा विज्ञान कॉलेज, डेयरी विज्ञान कॉलेज और मत्स्यपालन कॉलेज के विभिन्न विभाग किसानों के लाभ के लिए नई तकनीकों को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनियां आयोजित करेंगे। पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्यपालन विभाग सहित राज्य के सभी विकास संगठन, सहकारी संगठन जैसे मिल्कफेड और मार्कफेड आदि प्रदर्शनी में स्टाल लगाएंगे। इस मेले के दौरान पशु फ़ीड, दवा, टीके, पशु जर्मप्लाज्म, पशु कृषि मशीनरी, दूध और मांस प्रसंस्करण मशीनरी, चारा बीज और बैंकिंग संस्थानों के उत्पादन/विपणन से निपटने वाले अन्य महत्वपूर्ण निजी क्षेत्र के संगठन उपयोगी जानकारी प्रदान करेंगे विश्वविद्यालय और स्व-सहायता समूहों के मार्गदर्शन में चल रहे विभिन्न पशुधन संघ भी स्टाल लगाएंगे। पंजाब राज्य से न केवल पशुधन किसानों की एक बड़ी संख्या बल्कि निकटवर्ती राज्यों जैसे राजस्थान, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के आसपास के राज्यों से भी किसानो के मेले में भागीदारी करने की उम्मीद है।

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