गाँधी जी के विचारों को अपने आचरण में उतारने से ही आदर्श भारतीय गाँवों का निर्माण संभव: डॉ. त्रिलोचन महापात्र

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डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भा.कृ.अनु.प.) ने ऑनलाइन आयोजित स्वच्छता शपथ कार्यक्रम के अपने अध्यक्षीय संबोधन में बचपन को याद करते हुए कहा कि महान पुरुषों के जयंती दिवसों को किस हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता था तथा उनके महान कार्यों को कैसे याद किया जाता था। महात्मा गाँधी के साथ-साथ उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री का भी जिक्र करते हुए कहा कि आज दो महान पुरुषों का जयंती दिवस है। उन्होंने चिंता जताई कि वर्तमान पीढ़ी महान व्यक्तियों के कार्यों व उनके योगदानों से अंजान है।

महानिदेशक ने अपशिष्ट जल का प्रबंधन, मछली के अपशिष्ट से खाद का निर्माण और सब्जी मंडियों व खेतों से प्राप्त अपशिष्ट आदि का प्रबंधन पर ज़ोर देते हुए अपशिष्ट से धन (waste to wealth) पर ज़ोर दिया। जैविक खेती पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमें खाद का कम-से कम उपयोग करना होगा ताकि मृदा का स्वास्थ्य बना रहे और बेहतर उत्पादन हो।

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डॉ. महापात्र ने गाँधी जी के कथन “काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है” का उद्धरण देते हुए कहा कि शिथिलता या टालमटोल गंभीर तनाव और बीमारी का कारण हो सकती है। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े गंभीर अकादमिक बहसों में गाँधी-दर्शन पर व्याख्यान देने के साथ-साथ यह बहुत जरूरी हो जाता है कि हम गाँधी के समग्र चिंतन का कम-से-कम एक प्रतिशत अपने आचरण में उतार लें। महानिदेशक ने कहा कि तन और मन की स्वच्छता से ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव हो पाएगा।

श्री संजय कुमार सिंह, अतिरिक्त सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं सचिव (भा.कृ.अनु.प.) ने कहा कि भाकृअनुप के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि अतीत में गाँधी जी ने भाकृअनुप-संस्थानों का दौरा किया था और प्रशिक्षण लिया था। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति हमारी जागरूकता गाँधी जी के सपनों के भारत की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

डॉ. शिव प्रसाद किमोठी, अतिरिक्त महानिदेशक (समन्वय), भाकृअनुप ने विगत हफ्ते में भाकृअनुप मुख्यालय तथा भाकृअनुप-संस्थानों के द्वारा गाँधी-दर्शन पर आयोजित किए गए कार्यक्रमों, व्याख्यानों, प्रतियोगिताओं आदि के बारे जानकारी देते हुए आज आयोजित कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा बताई।

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डॉ. सतेंद्र कुमार सिंह, परियोजना निदेशक (भाकृअनुप-डीकेएमए) ने भाकृअनुप-संस्थानों के द्वारा गाँधी-दर्शन पर आयोजित किए गए कार्यक्रमों के संकलन पर बने वीडियो को गणमान्य अतिथियों के लिए प्रदर्शित किया।

डॉ. महापात्र और उनके साथ-साथ कार्यक्रम में शामिल उपमहानिदेशकों, अतिरिक्त महानिदेशकों, निदेशकों तथा अन्य अधिकारियों ने आज ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में गाँधी जी के स्वच्छता-संबंधी चिंतन का पाठ करते हुए शपथ लिया।स्त्रोत: भाकृअनुप-कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय, नई दिल्ली

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