आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश अन्तर्गत 800 नयी दुग्ध सहकारी समितियाँ गठित

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मध्यप्रदेश के सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया ने बताया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश अन्तर्गत प्रदेश में 800 नवीन दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। इससे प्रदेश के 40 हजार दुग्ध उत्पादकों को लाभ होगा। दुग्ध संघों द्वारा इन किसानों से एक लाख 20 हजार लीटर दुग्ध क्रय किया जा सकेगा।

मंत्री डॉ. भदौरिया ने बताया कि दुग्ध सहकारी समितियों से संबंधित प्रदेश के 2 लाख 68 हजार दुग्ध उत्पादकों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जा रहे हैं। इसके अन्तर्गत पशुपालकों को पशुपालन के लिए 1 लाख 60 हजार रुपये से 3 लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत भूमिहीन पशुपालक भी ऋण प्राप्त करने के लिये पात्र हैं।

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मंत्री डॉ. भदौरिया ने बताया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा दुग्ध उत्पादक समितियों के सदस्यों एवं अन्य पशुपालकों को उनकी क्रेडिट की महती आवश्यकता को देखते हुए क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये जाने का अभियान प्रारंभ किया गया है। अभी तक सहकारी बैंकों द्वारा 6,300 से अधिक पशुपालक कृषकों को 18 करोड़ 86 लाख रुपये की साख में सीमा केसीसी स्वीकृत किये जा चुके है। उक्त स्वीकृत प्रकरणों में से 3,040 कृषकों को 8 करोड़ 39 लाख रुपये का ऋण वितरण भी किया जा चुका है।

मंत्री डॉ.भदौरिया ने यह भी बताया कि जिला सहकारी बैंकों द्वारा मत्स्य पालकों को भी क्रेडिट कार्ड जारी किये जाने का अभियान प्रारंभ किया गया है, जिससे मछुआरों को क्रेडिट की आवश्यकता को पूरा किया जा सके। अभी तक लगभग 662 मत्स्य पालकों को कृषकों को 54 लाख 50 हजार रुपये के क्रेडिट कार्ड जारी किये जा चुके हैं, जबकि 378 कृषकों को 20 लाख 53 हजार रुपये का ऋण वितरण भी किया जा चुका है।

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