कोविड-19 के संक्रमण काल के अंतर्गत मुर्गीपालकों हेतु महत्वपूर्ण दिशा निर्देश

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कोविड-19 के संक्रमण काल के समय में पक्षी आवास गृह में आगंतुकों के आवागमन को प्रतिबंधित करें। पक्षी आवास गृह में कर्मचारियों की संख्या कम रखें। पशुपालकों को पक्षी आवास गृह में जाने से पूर्व मुंह पर मास्क पहनना चाहिए। मास्क का उपयोग करने से पहले अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर या साबुन और पानी से हाथों को भलीभांति अच्छी तरह रगड़ कर साफ करें।

मुंह और नाक को मास्क से ढके और सुनिश्चित करें कि आपके चेहरे और मास्क के बीच जगह तो नहीं है। उपयोग करते समय मास्क को बार-बार छूने से बचें यदि छूते हैं तो अपने हाथों को सैनिटाइजर या साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ करें। यदि मास्क गीला हो जाए, तो नए मास्क का उपयोग करें सिंगल यूज मास्क को दोबारा प्रयोग में न लें। मास्क हटाने के लिए इसे पीछे से हटाए मास्क को सामने से ना छुए मास्क को एक बंद कूड़ेदान में तुरंत त्याग दें तथा सैनिटाइजर या साबुन पानी से हाथों को अच्छी तरह साफ करें। (स्त्रोत विश्व स्वास्थ्य संगठन ) 

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर बरेली द्वारा कोविड-19 के दौर में जारी की गई गाइडलाइंस निम्न प्रकार है:

  1. मास्क पहनने के साथ ही थर्मल स्कैन किया जाना चाहिए और उचित सैनिटाइजर से सफाई की जानी चाहिए तथा सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए।
  2. यथासंभव मुर्गीशाला के प्रवेश द्वार पर साबुन, पानी की बाल्टी और हैंड सेनीटाइजर रखें।
  3. पक्षी आवास में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों और उप साधनों की नियमित रूप से सैनिटाइजर द्वारा सफाई की जानी चाहिए।
  4. पक्षियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए चारा, आवास, पानी और सामान्य स्वच्छता से संबंधित उत्तम प्रबंधन का पालन किया जाना चाहिए।
  5. किसी भी असामान्य व्यवहार या खाने की मात्रा या मल त्याग और मूत्र त्याग के लिए अपने पक्षियों को रोजाना दिन में तीन बार देखें सुबह, दोपहर एवं शाम।
  6. यदि कोई पक्षी बीमार हो जाता है तो उसे स्वस्थ पक्षियों से अलग करें और उपचार के लिए टेली मेडिसिन का उपयोग करें और यदि कोई आपातकालीन गंभीर बीमारी होती है तो कृपया नजदीक के पशु चिकित्सालय में जाएं।
  7. अपने पक्षियों को अपने पशु चिकित्सक के परामर्श से समय-समय पर विभिन्न बीमारियों के लिए टीका लगवाएं।
  8. कृपया अपने पक्षियों को समुचित स्वच्छ पानी का सेवन सुनिश्चित कराएं।
  9. कृपया अपने पशु चिकित्सक के परामर्श से पक्षियों की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थ में कुछ हर्बल उत्पाद आवश्यकतानुसार प्रयोग करें।
  10. सभी पशुपालक भाई अनिवार्य रूप से आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप एवं आयुष कवच ऐप को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करना सुनिश्चित करें।
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अंडा उत्पादन ,अंडों को इकट्ठा  करने  एवं परिवहन के दौरान सावधानियां:

  1. कोई भी अंडा हैंडलर जो अस्वस्थ है उसे काम पर नहीं रखना चाहिए यदि उन्हें संक्रमण के लक्षण हैं तो उन्हें सरकारी सलाह का पालन करना चाहिए और घर पर ही रहना चाहिए।
  2. अंडों को इकट्ठा करने,पैकेजिंग परिवहन एवं बिक्री करते समय पीपीई, हेडगियर, मास्क जूता कवर, गम बूट, डिस्पोजेबल दस्ताने आदि का प्रयोग करें।
  3. अंडा हैंडलर्स की नियमित थर्मल स्कैनिंग करें।
  4. कर्मचारी 1 मीटर की सामाजिक दूरी सलाह के अनुपालन की सुविधा के लिए फर्श के चिन्हों का उपयोग करें।
  5. सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए किसी भी कार्य क्षेत्र में कर्मचारियों की संख्या को सीमित करें।
  6. यह हमेशा ध्यान रखें कि हैंड सेनीटाइजर हाथ धोने का विकल्प नहीं है।
  7. अंडो का रखरखाव करने वाले किसी व्यक्ति को अक्सर कम से कम ४० से ६० सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना चाहिए अंडों को संभालने से पहले और बाद में यह नियमित दिनचर्या के रूप में किया जाना चाहिए।
  8. हाथ धोने के साथ-साथ हैंड सैनिटाइजर जेल का प्रयोग किया जा सकता है लेकिन यह केवल साफ हाथों पर काम करते हैं, उन्हें हाथ धोने के विकल्प के रूप में कभी भी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
  9. अंडे को पीने योग्य डिटर्जेंट पानी या एग सोप वाटर पी.एच.11 या छारीय क्लोरीन युक्त फोम कंट्रोल पाउडर से साफ किया जाना चाहिए। धोने के बाद अंडों को क्लोरीन आधारित सैनिटाइजर 50 से 200 पी.पी.एम.का उपयोग करने से अंडे की उपत्वचा की रक्षा करने में मदद मिलती है।
  10. विपणन के लिए परिवहन के दौरान अंडों को एक बंद कंटेनर में परिवहन करना चाहिए और लोडिंग से पहले और उतारने के बाद वाहन को नियमित रूप से कीटाणु रहित किया जाना चाहिए।
  11. कर्मचारियों या ग्राहकों द्वारा नियमित रूप से छुए जाने वाले वस्तुओं और सतहो  को अक्सर स्वच्छ एवं कीटाणु रहित करना चाहिए।
  12. 1% हाइपोक्लोराइट घोल का प्रयोग संपर्क सतहों को साफ करने और धातु की सतहों के  लिए अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का उपयोग किया जा सकता है।
  13. स्टाफ कैंटीन के उपयोग से बचें या यदि आवश्यक हो तो 2 गज की भौतिक दूरी बनाए रखें।
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संदर्भ

  1. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जत नगर बरेली द्वारा जारी गाइडलाइंस
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