पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 विषाणु का संक्रमण: जानकारी एवं बचाव

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सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस-2 (सार्स कोरोना वायरस-2), संभवतः स्तनधारी प्राणी के माध्यम से प्रारंभिक उत्पति के बाद, वर्तमान में मानव-से-मानव में तीब्र गति से संचरित हो रहा है एवं दुनिया भर में प्रसारित हो चूका है। ऐसा संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि वर्ष 2019 में चीन में चमगादड़ के राइनोफस प्रजाति के संक्रमित होने के पश्चात मनुष्यों में इसका संक्रमण हुआ लेकिन इसका निश्चित श्रोत एवं वास्तविक संचरण मार्ग अभी स्थापित नहीं किया जा सका है। विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण कई देशों में पाया गया है। स्वाभाविक रूप से और/या प्रायोगिक संक्रमण के माध्यम से पशुओं की अनेक प्रजातियाँ सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील पाए गयें हैं।

संसार के विभिन्न देशों में सार्स कोरोना वायरस-2 का प्राकृतिक संक्रमण केवल पालतू कुत्तों और बिल्लियों, बाघों, शेरों, हिम तेंदुओं, प्यूमा, और चिड़ियाघरों के गोरिल्ला और फार्म मिंक और फेरेट्स में पाए गए हैं। अनेकों प्रायोगिक अध्ययनों से प्राप्त परिणामों में यह पाया गया है कि पशुओं की अनेक प्रजातियां जैसे बिल्लियाँ, फेरेट्स, रैकून डॉग, सिनोमोलगस मैकाक, रीसस मैकाक, सफेद पूंछ वाले हिरण, खरगोश, इजिप्टियन फ्रूट चमगादड़ और सीरियाई हैम्स्टर, सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। स्तनधारी प्राणिओं में करीबी जेनेटिक संरचना के इस वायरस का पाया जाना (जैसे चमगादड़ों एवं पेंगुलिन में), महत्वपूर्ण सेल रिसेप्टर प्रोटीन की उपस्थिति (ACE2 रिसेप्टर्स) और प्राकृतिक जोखिम या प्रायोगिक टीकाकरण के बाद संक्रमण होना यह साबित करता है कि अनेकों स्तनधारी प्राणी सार्स कोरोना वायरस-2 से संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हो सकते हैं। इस संक्रमण का फैलाब बिल्ली-से-बिल्ली एवं फेर्रेट-से-फेर्रेट के संपर्क में आने या हवा के माध्यम से पाया गया है। मांसाहारी पशुओं में इसके बढ़ते संक्रमण दर संबंधित पशु प्रजातियों की उच्च संवेदनशीलता का संकेत देती हैं।

वर्तमान में मनुष्यों से पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 के संचरण के कई उदाहरण मिलते हैं एवं मुक्त- वन्यजीव प्रजातियों के लिए मानव-से-पशु संचरण का जोखिम चिंता का विषय है। कई मामलों में फ़ेलिड्स, कैनिड्स और मस्टेलिड्स प्रजातियों में सार्स कोरोना वायरस-2 का मानव-से-पशु में प्राकृतिक संचरण पाया गया है, लेकिन अधिकांश मामले में संक्रमित घरों या लोगों के साथ लंबे समय तक नजदीकी संपर्क के कारण हीं संक्रमण का फैलाव पाया गया है लेकिन इसमें कोई मुक्त-वन्यजीव शामिल नहीं है। हालाँकि, पशुओं से मनुष्यों में इसका संचरण केवल मिंक के माध्यम से पाया गया है। भविष्य में किये जाने वाले अध्यनों से ही यह निर्धारित हो पायेगा कि अन्य घरेलू या जंगली जानवर मनुष्यों में सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण के फैलाब के लिए एक श्रोत या रेज़र्वोयर हो सकते हैं या नहीं।

संसार के विभिन्न देशों में पशुओं की विभिन्न प्रजातियां सार्स कोरोना वाइरस जनित महामारी के चपेट में आ चुके हैं जैसे बोस्निया, हर्जेगोविना और मैक्सिको में कुत्ते; बेल्जियम, चिली, फ्रांस, ग्रीस, इटली, लातविया, रूस, स्पेन, स्विट्जरलैंड और यूनाइटेड किंगडम में बिल्लियाँ; अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, क्रोएशिया, जर्मनी, हांगकांग, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका में कुत्ते और बिल्लियाँ; अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका में प्यूमा; कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, ग्रीस, इटली, लिथुआनिया, नीदरलैंड, पोलैंड, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त राज्य अमेरिका में मिंक; एस्टोनिया, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त राज्य अमेरिका में शेर; स्वीडन और संयुक्त राज्य अमेरिका में बाघ; स्लोवेनिया में फेरेट एवं संयुक्त राज्य अमेरिका में मिंक (जंगली), गोरिल्ला, ओटर  और हिम तेंदुआ।

1. पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 का संचरण श्रोत एवं मार्ग

पशुओं में इस वायरस का मुख्य स्रोत श्वसन की बूंदें, एरोसोल और श्वसन स्राव हैं। अन्य श्वसन वायरस की तरह, सार्स कोरोना वायरस-2 भी जानवरों में संक्रमित मनुष्यों के संपर्क में आने, पशुओं के बीच सीधे संपर्क और एरोसोल जो कि वातावरण में कुछ समय के लिए मौजूद रहता है के माध्यम से प्रसारित होता है। पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 श्वसन पथ के साथ मल स्राव में भी पाया जाता है।

2. संक्रमण के संचरण की क्षमता का जोखिम आकलन

सार्स कोरोना वायरस-2 संक्रमण के जोखिम का आकलन मानव से पशु, पशु से मानव और पशुओं के बीच होने वाले संचरण कि संभावना को व्यक्त करता है जो प्राकृतिक संक्रमण रिपोर्ट और प्रायोगिक संक्रमण अध्ययन से उत्पन्न होने वाले वर्तमान साक्ष्य पर आधारित है। पशु सम्बन्धी सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण के संचरण के जोखिम का आकलन निम्न रूपेण हो सकता है:

i) खाद्य उत्पादन के लिए रखे गए पशु में जोखिम आकलन

कुक्कुट: मानव से पशु, पशु से मानव और पशुओं के बीच संचरण में जोखिम मूल्यांकन नगण्य पाया गया है। सूअर, गाय एवं भैंस: मानव से पशु संचरण में जोखिम मूल्यांकन बहुत कम है और पशु से मानव संचरण एवं पशुओं के बीच संचरण में जोखिम मूल्यांकन नगण्य पाया गया है।

ii) फर उत्पादन के लिए रखे गए पशु

मस्टेलिड्स (मिंक और फेरेट्स): मानव से पशु संचरण के लिए जोखिम मूल्यांकन उच्च, पशु से मानव संचरण के लिए मध्यम और जानवरों के बीच संचरण के लिए जोखिम मूल्यांकन बहुत अधिक पाया गया है। रैकून कुत्ते: मानव से पशु संचरण के लिए जोखिम मूल्यांकन उच्च, पशु से मानव संचरण के लिए मध्यम और पशुओं के बीच संचरण के लिए जोखिम मूल्यांकन उच्च पाया गया है।

और देखें :  सालमोनेलोसिस एक पशुजन्य बीमारी: कारण, उपचार एवं नियंत्रण

iii) खाद्य और फर उत्पादन के लिए रखे गए पशु

खरगोश: मानव से पशु संचरण के लिए जोखिम मूल्यांकन कम और पशु से मानव संचरण के लिए जोखिम मूल्यांकन कम है।

iv) कीट और घूमने वाले पशु

घूमने वाले पशु, घरेलू पशु (जैसे बिल्लियाँ और कुत्ते), भागे हुए या छोड़े गए पशु (जैसे मिंक), साथ ही जंगली पशु (जैसे रोडेन्ट्स, रैकून, झालर/ स्कुँक्स और पक्षी) संभावित रूप से सार्स कोरोना वायरस-2 के निष्क्रिय संचरण के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। आज तक उपलब्ध सीमित जानकारी के आधार पर, इन पशुओं से लोगों में सार्स कोरोना वायरस-2 के फैलने का जोखिम कम माना गया है। हालांकि, घूमने वाले पशु जैसे बिल्लियाँ को फार्म्स के बीच संचरण में भूमिका मध्यम से अत्यधिक संवेदनशील माना गया है।

3. प्रयोगशाला निदान

i) परीक्षण हेतु नमूना एवं संग्रह विधि

पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण के प्रयोगशाला में पहचान हेतु परीक्षण के विधि के अनुसार ऑरोफरीन्जियल, नाक और रेक्टल स्वैब और रक्त नमूना संग्रहित किया जा सकता है। मल के नमूनों का उपयोग उन स्थितियों में किया जा सकता है जहां पशु या परीक्षण कर्मचारियों के जोखिम के कारण प्रत्यक्ष नमूना लेना संभव नहीं है। पीपीई के सही उपयोग करते हुए प्रशिक्षित सक्षम कर्मियों द्वारा नमूना लिया जाना चाहिए, और नमूनों को संग्रहित कर सुरछित रखना चाहिए। नमूने एकत्र करते समय, इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि पर्यावरण या संक्रमित मनुष्यों से क्रॉस- कंटैमिनेशन न हो।

ii) प्रयोगशाला में नैदानिक ​​प्रक्रियाएं

प्रयोगशाला में पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण की पहचान रिवर्स-ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आर टी -पी सी आर), रिवर्स  ट्रांसक्रिप्शन  लूप -मेडिएटेड  इसोथर्मल  एम्पलीफिकेशन (आर टी-एल ए एम पी), वायरस आइसोलेशन, वायरस जीनोम अनुक्रमण या मनुष्यों में उपयोग के लिए विकसित अन्य आणविक परीक्षण विधि के द्वारा किया जा सकता है ।

प्रयोगशाला में पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण से उत्पन्न इम्यून रिस्पांस का पता एलिसा एंटीबॉडी परीक्षण, वायरस न्यूट्रलाइजेशन टेस्ट (वीएनटी) या एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए अन्य परीक्षण विधि के द्वारा किया जा सकता है।

4. रोकथाम और नियंत्रण

जैव सुरक्षा और स्वच्छता का उपाय पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 के संचरण को रोकने के लिए बहुत हीं महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। फार्म जैव सुरक्षा योजना, पशु फार्म में सार्स कोरोना वायरस-2 के शुरुआती संक्रमण को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों एवं श्रमिकों और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लक्ष्य के साथ सार्स कोरोना वायरस-2 को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई निर्धारित करती है।

i) पशु फार्म में कार्यरत कर्मियों एवं श्रमिकों या आगंतुकों से सम्बंधित अपनाने वाली सावधानी

श्रमिकों या आगंतुकों द्वारा पशु फार्म में संक्रमण के संचरण को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं:

  • SARS-CoV-2 से बीमार सभी कर्मियों और श्रमिकों को घर पर आइसोलेटेड रहना चाहिए।
  • पशु फार्म में कार्यरत कर्मी या श्रमिक यदि SARS-CoV-2 से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आये हैं तो इन्क्यूबेशन पीरियड (मुख्य्तः १४ दिन) तक घर पर आइसोलेटेड रहना चाहिए एवं राष्ट्रीय दिशानिर्देशों द्वारा निर्धारित परीक्षण विधि से जाँच कराना चाहिए।
  • पशु फार्म में कार्यरत कर्मियों एवं श्रमिकों को फेस मास्क का प्रयोग के साथ अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  • पशु फार्म में कार्यरत कर्मियों एवं श्रमिकों के हाथों की उचित स्वच्छता हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें हाथ साफ करने के लिए हैंड सैनिटाइज़र उपलब्ध कराना चाहिए।
  • पशु आवास और इमारतों तक केवल आवश्यक कर्मियों के पहुंच को सीमित रखना चाहिए एवं आगंतुकों के लिए प्रतिबंधित रखना चाहिए।
  • पशु आवास और इमारतों तक घरेलू पालतू पशुओं (कुत्तों, बिल्लियों, अन्य), चूहों, पक्षियों और अन्य वन्यजीवों के प्रवेश को रोकने सम्वन्धी उपायों को लागू करने चाहिए।
  • वैसे पशु फार्म में कार्यरत कर्मी या श्रमिक जो एयरोसोल उत्पन होने वाले प्रक्रियाओं में लगे हैं को पशुओं के साथ काम करने के उपयुक्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) प्रदान करें और पहनने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
  • कॉमन एरिया में काम करने वाले कर्मियों एवं श्रमिकों के बीच उचित दुरी का ख्याल रखना चाहिए।
  • आगंतुकों के वाहनों को पशु आवास से दूर पार्किंग क्षेत्र में पार्क करने की व्यवस्था करना चाहिए।
  • नोटिस बोर्ड के माध्यम से एक फ़ोन नंबर प्रदान करना चाहिए जिससे की आगंतुक पशु प्रक्षेत्र में अनावश्यक प्रवेश ना करें एवं प्रवेश निर्देशों के लिए कॉल कर सकें।
  • पशु प्रक्षेत्र में प्रवेश करने वाले सभी कर्मियों के लिए एक लॉग बुक बनाए रखना चाहिए जिसमें तारीख, पता, मोबाइल नंबर, अन्य जानवरों के साथ पिछले संपर्क की जानकारी और उनकी यात्रा का विवरण शामिल होना चाहिए।

ii) पशु प्रक्षेत्र में नए पशुओं को शामिल करते समय अपनाने वाली सावधानी

उच्च जोखिम वाले पशुओं की प्रजातियों में सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण को फार्म में नए पशुओं को शामिल करने पर होने वाले संचरण को रोकने हेतु निम्नलिखित सावधानियों को अपनानी चाहिए:

  • वैसे पशुओं की सभी प्रजातियाँ (यानी मस्टेलिड्स, फेलिड्स और रैकून डॉग्स) जो सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण हेतु उच्च जोखिम वाले हैं और जिन्हे नए पशु फार्म में शामिल करना है उनमें या उनके मूल फार्म में काम करने वाले कर्मिओं या श्रमिकों में सार्स कोरोना वायरस-2 संक्रमण के कोई लक्षण नहीं होना चाहिए।
  • वैसे पशुओं जिन्हें नए पशु फार्म में शामिल करना है को सर्वप्रथम सार्स कोरोना वायरस-2 के संक्रमण का परीक्षण कर मुख्य झुंड से कम से कम 21 दिन अलग रखना चाहिए।
  • अलगाव के दौरान मृत्यु होने वाले सभी पशुओं का सार्स कोरोना वायरस-2 के लिए पुनः परीक्षण किया जाना चाहिए।
  • नए पशुओं को फार्म में तभी लाना चाहिए जब उपरोक्त उपायों से यह संकेत मिले की पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 मौजूद नहीं है।
और देखें :  कोरोना वैश्विक महामारी काल में पशुओं मे होने वाले रोगों की रोकथाम

iii) कीटों, पक्षियों और घूमने वाले पशुओं से सावधानी

कीटों, पक्षियों और घूमने वाले पशुओं द्वारा मध्यम से अत्यधिक अतिसंवेदनशील फार्म पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 के संचरण से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरती जा सकती है:

  • पशु प्रक्षेत्र में सभी पशुओं (कुत्तों, बिल्लियों, आदि), पक्षियों और वन्यजीवों के प्रवेश रोकने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए साथ ही यथासंभव फार्म को कीट-प्रूफ होना चाहिए।
  • पशु आवास प्रक्षेत्र में प्रतिबंधित या आवारा पशुओं को पकड़ने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए एवं उनके रख रखाब के लिए अलग से समुचित प्रबंध होनी चाहिए।

iv) खाद्य सुरक्षा उपाय एवं सावधानी

आज तक, पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 का दूषित चारा या भोजन के द्वारा संचरण का कोई साक्ष्य नहीं है फिर भी सार्स कोरोना वायरस-2 के संभावित संचरण को रोकने हेतु निम्न खाद्य सुरक्षा उपायों को लागु किया जाना चाहिए:

  • पशु आवास प्रक्षेत्र तथा फीड भंडार गृह में स्वच्छता बनाए रखना चाहिए तथा कीट रोधी उपायों को करना चाहिए ताकि खाद्य पदार्थों को दूषित होने से बचाया जा सके।
  • यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि फीड स्टोरेज और फीड डिलीवरी सिस्टम जंगली पक्षियों और रोडेन्ट्स/चूहों के पहुंच से सुरक्षित हैं।
  • छोड़े हुए अथवा जूठे फीड को बिना किसी देरी के साफ किया जाना चाहिए और उन खाद्य प्रथाओं से बचना चाहिए जो रोग को अतिसंवेदनशील प्रजातियों में फैला सकते हैं, जैसे छोड़े हुए संभावित रूप से दूषित फीड को फिर से पशुओं को खाने न दें या छोड़े हुए फ़ीड को वहां न रहने दें जहां इसे अतिसंवेदनशील पशुओं द्वारा खाया जा सके।

v) पशु शव, कचरा एवं अपशिष्ट का समुचित प्रबंधन

सार्स कोरोना वायरस-2 के फैलने की संभावना को कम करने के लिए संक्रमित पशुओं के शवों, अपशिष्ट और कचरे का उचित प्रबंधन करना अनिवार्य है। अपशिष्ट के माध्यम से सार्स कोरोना वायरस-2 के प्रसार से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों को किया जा सकता है:

  • सार्स कोरोना वायरस-2 पॉजिटिव या संदिग्ध पशुओं के शवों को स्थानीय अधिकारियों से परामर्श से अनुमोदित स्थल पर ले जाकर सावधानीपूर्वक कंपोस्टिंग, दफन, भस्मीकरण और लैंडफिल विधियों में से किसी भी विधि से निष्पादन किया जा सकता है।
  • दूषित सामग्री या शवों को वाहनों द्वारा सावधानीपूर्वक अनुमोदित स्थल पर ले जाया जाना चाहिए।
  • सभी शव वाहनों को प्रत्येक उपयोग के बाद साफ और डिसइंफेक्ट किया जाना चाहिए।
  • यदि आवश्यक हो तो सलाह के लिए राष्ट्रीय सक्षम प्राधिकारी से संपर्क किया जाना चाहिए।
  • यदि संभव हो तो सभी खाद्य पदार्थ, मलबे और चारा को साफ कर फार्म प्रक्षेत्र में ही कम्पोस्ट निर्माण करना चाहिए
  • पशु आवास को साफ और डिसइंफेक्ट किया जाना चाहिए।

vi) सफाई और कीटाणुशोधन

बार-बार छुए जाने वाली सतहों जैसे उपकरण, वर्कस्टेशन, ब्रेक रूम, लॉकर रूम और प्रवेश मार्ग को नियमित रूप से साफ और डिसइंफेक्ट किया जाना चाहिए। सार्स कोरोना वायरस-2 के प्रसार के जोखिम को कम करने के लिए परिसर की सफाई और कीटाणुशोधन के संबंध में निम्नलिखित उपायों की सिफारिश की जाती है:

फार्म क्षेत्रों को डिसइंफेक्ट करने के लिए सार्स कोरोना वायरस-2 के खिलाफ प्रभावी जीवाणुनाशक उत्पादों का उपयोग करना चाहिए जो सतह सुरक्षा के लिए उपयुक्त हो जैसे हाउसहोल्ड ब्लीच सोलुशन को निर्माता के निर्देश के अनुसार तैयार कर या कम से कम 60% अल्कोहल का उपयोग किया जाना चाहिए।

vii) उच्च जोखिम वाली गतिविधियां एवं सावधानी

जैव सुरक्षा उपायों को प्रभावी होने के लिए रोग-विशिष्ट के साथ गतिविधि विशिष्ट होना चाहिए। फार्म प्रक्षेत्र में की जाने वाली कई प्रकार की गतिविधियाँ जैसे फीडिंग, वाटरिंग, मिल्किंग, मेटिंग, कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण, इत्यादि के कारण मनुष्यों और पशुओं के बीच संपर्क बढ़ते हैं साथ हीं ये सार्स कोरोना वायरस-2 के जोखिम और संभावित प्रसार के जोखिम को भी बढ़ाते हैं।

सार्स कोरोना वायरस-2 के जोखिम और प्रसार की संभावना को कम करने के लिए पीपीई का उपयोग, पशुओं एवं मनुष्यों के बीच संपर्क अवधि को कम करना और मनुष्यों एवं पशुओं के लिए समुचित परीक्षण का व्यवस्था होना शामिल है।

और देखें :  राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने की पशुपालन, डेयरी, गौपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा

viii) पशु उत्पादों की बिक्री के दौरान एहतियाती उपाय

हालांकि सार्स कोरोना वायरस-2 की उत्पत्ति के बारे में अनिश्चितता है, विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों के अनुरूप, बाजारों में बिक्री के दौरान सामान्य स्वच्छता उपायों को लागू किया जाना चाहिए। सार्स कोरोना वायरस-2 के प्रसार से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों को किया जा सकता है:

  • जीवित पशु, कच्चा मांस और/या पशु उत्पादों को छूने के बाद साबुन और स्वच्छ पानी से नियमित रूप से हाथ धोना चाहिए साथ ही आंख, नाक या मुंह को छूने से बचना चाहिए।
  • बीमार पशुओं, खराब हो चुके पशु उत्पादों, बाजार में मौजूद अन्य पशुओं (जैसे, आवारा बिल्लियाँ और कुत्ते, कृन्तकों, पक्षियों, चमगादड़) और पशुओं के अपशिष्ट या तरल पदार्थ के संपर्क में आने से बचने के लिए सावधानी बरती जानी चाहिए।
  • मांस और मांस उत्पाद, और स्वस्थ पशुओं के दूध और दूध उत्पाद जो अच्छी स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा सिद्धांतों के अनुसार तैयार और परोसे जाते हैं, खाने के लिए सुरक्षित रहते हैं।
  • मनुष्यों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानक सिफारिशों के अनुरूप नियमित रूप से हाथ धोना, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को कोहनी से ढंकना एवं खांसी और छींकने जैसी सांस की बीमारी के लक्षण वाले किसी भी व्यक्ति के निकट संपर्क से बचना शामिल है।

पशु चिकित्सा सेवा के माध्यम से मनुष्यों और अतिसंवेदनशील पशुओं के बीच सार्स कोरोना वायरस-2 के संचरण को रोकने के लिए प्रभावी प्रबंधन उपायों को लागू किया जा सकता है एवं पशु स्वास्थ्य और कल्याण और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है।

References

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  7. Khan Sharun, Kuldeep Dhama, Abhijit M. Pawde, Christian Gortázar, Ruchi Tiwari, D. Katterine Bonilla-Aldana, Alfonso J. Rodriguez-Morales, José de la Fuente, Izabela Michalak & Youssef A. Attia (2021): SARS-CoV-2 in animals: potential for unknown reservoir hosts and public health implications, Veterinary Quarterly, DOI: 10.1080/01652176.2021.1921311.

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