पशुओं के नवजात बच्चों में खीस की उपयोगिता
खीस में उपलब्ध एण्टीबोडीज़ का नवजात बच्चों द्वारा अवशोषण होना भी एक बहुत तेज़ प्रक्रिया है। खीस पिलाने के 4 घंटे के पश्चात ही प्रतिरक्षक पिंडों की मात्रा रक्त में पहुँच जाती है। >>>
खीस में उपलब्ध एण्टीबोडीज़ का नवजात बच्चों द्वारा अवशोषण होना भी एक बहुत तेज़ प्रक्रिया है। खीस पिलाने के 4 घंटे के पश्चात ही प्रतिरक्षक पिंडों की मात्रा रक्त में पहुँच जाती है। >>>
पशुपालन के क्षेत्र के अंतर्गत उत्पादन में भारत में विगत दशक के दौरान उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सकल घरेलू उत्पाद में पशुपालन का सराहनीय योगदान है। पशुपालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास को अन्य पशु प्रजाती, जैसे गाय भैंस पालन के अतिरिक्त बकरी पालन, भेड़ पालन एवं सूकर पालन आदि के क्षेत्र में ले जाने की आवश्यकता है >>>
सर्दियों में पशुओं को ठंड से बचाना अत्यावश्यक है। यदि पशु को ठंडी हवा व धुंध/ कोहरा से बचाने का समुचित प्रबंध ना हो तो पशु बीमार पड़ जाते हैं जिससे उनके उत्पादन में तो गिरावट आती ही है साथ ही साथ पशु न्यूमोनिया जैसे रोगों के कारण मृत्यु को भी प्राप्त कर सकते हैं। >>>
प्रजनन ऐसी क्रिया जिसके द्वारा मादा के जननांगों में नर द्वारा प्राकृतिक तौर पर संभोग अथवा कृत्रिम रूप में नर वीर्य सेचन के बाद गर्भधारण होता है और मादा नये जीव अर्थात ‘संतान’ को जन्म देती है। >>>
पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान एक ऐसी कला या विधि है जिसमें साँड से वीर्य लेकर उसको विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से संचित किया जाता है। यह संचित किया हुआ वीर्य तरल नाइट्रोजन में कई वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। >>>
गर्भाधान, चाहे वह प्राकृतिक हो या कृत्रिम, जीवित जीवों के बीच प्रजनन की विशेषता है। डेयरी पशुओं की लाभप्रदता आनुवंशिक रूप से उच्च उत्पादक मादा बछड़ियों के उत्पादन पर निर्भर करती है। >>>
दुग्ध व्यवसाय के लिए यह अति आवश्यक है की अति उत्तम नस्ल के पशुओं का उपयोग डेयरी व्यवसाय हेतु किया जाए जिससे कि जितना दुग्ध है उसका उत्पादन काफी हद तक बढे, क्योंकि हमारे प्रदेश में पशु केवल 700 से 1000 लीटर प्रति बयांत दूध देते हैं तथा जो संकर नस्ल के पशु हैं उनसे दुग्ध उत्पादन तीन से चार गुना अधिक प्राप्त होता है। >>>
भ्रूण स्थानांतरण पशु प्रजनन की एक नवीन तकनीक है जिससे उत्कृष्ट श्रेणी के दुधारू पशु एवं उच्च कोटि के सांड का नस्ल सुधार के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे दुग्ध उत्पादन बढ़ता है। >>>
डेरी व्यवसाय में सफल प्रजनन व्यवस्था का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। पशुशाला में उपस्थित वयस्क पशुओं में से अधिकाधिक संख्या समयानुसार गर्भित होकर सामान्य एवं , स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है तभी दुग्ध उत्पादन का क्रम निरंतर चल सकता है तथा पशुपालक डेयरी व्यवसाय से नियमित आमदनी प्राप्त कर सकता है। >>>
देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी स्वदेशी व्यवसाय को बढ़ावा दे रहे हैं यह स्वदेशी व्यवसाय न केवल आपको स्वतंत्र बनाते हैं बल्कि देश की प्रगति में भी योगदान करते हैं। >>>
गौशाला से अधिक आर्थिक लाभ के लिए वैज्ञानिक तरीके से गौशाला प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः वैज्ञानिक तरीके से गौशाला प्रबंधन हेतु निम्न तथ्यों का ध्यान रखना अति आवश्यक है। >>>
पशुपालन कार्यों का माहवार कैलेंडर >>>
आधुनिक समय में मौसम की मार को देखते हुए खेत को जल्दी खाली करने के लिए दबाव बना रहता है। ऐसे में कंबाईन हारवेस्टर का उपयोग फसल को काटने में किया जाता है जिससे फसल में दाने तो अलग कर लिये जाते हैं लेकिन खेत में फसल के अवशेष बच जाते हैं जिनका किसान के लिए निष्पादन करना बहुत मुश्किल हो जाता है। >>>