बकरियों में प्रतिरोधक कृमियों की समस्या
बकरियों में कृमि मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। फीता कृमि: ये पशुओं की आंतों में पाये जाते हैं तथा अपने पोषण के लिये पशुओं पर निर्भर करते हैं। पर्ण कृमि: ये पत्तीनुमा होते हैं तथा यकृत, >>>
बकरियों में कृमि मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। फीता कृमि: ये पशुओं की आंतों में पाये जाते हैं तथा अपने पोषण के लिये पशुओं पर निर्भर करते हैं। पर्ण कृमि: ये पत्तीनुमा होते हैं तथा यकृत, >>>
सितंबर/ भादो माह संतति को खीस/ कोलोस्ट्रम अवश्य पिलाएं। अवशेष पशुओं में एचएस तथा बीक्यू का टीका लगवाएं। खुर पका मुंह पका का टीका अवश्य लगवाएं। [irp] पशुओं को कृमि नाशक औषधि का पान कराएं >>>
सार पशुधन में निम्न जैव सुरक्षा के कारण पशुओं में अपरिहार्य स्वास्थ्य और उत्पादन होता >>>
ज्यादातर जठरआंत परजीवी एक पशु से दूसरे पशु में गोबर में आने वाले अण्डों द्वारा फैलते हैं। बारिश के बाद ये अण्डे काफी ज्यादा बड़े एरिया में फैल जाते हैं तथा घास द्वारा अन्य पशुओं में फैलते हैं। >>>
गला घोटू अर्थात घुरका तथा लंगड़ियां बुखार का टीका अवशेष पशुओं में लगवाएं। >>>