वैज्ञानिक विधि से बकरी पालन: स्वरोजगार का उत्तम विकल्प
बकरी पालन एक ऐसा कार्य है जिसे करने के लिए बहुत अधिक संसाधन, शिक्षा और श्रम की आवश्यकता नहीं होती है। ग्रामीण किसान, भूमिहीन मजदूर , महिलाएं आदि बकरी पालन >>>
बकरी पालन एक ऐसा कार्य है जिसे करने के लिए बहुत अधिक संसाधन, शिक्षा और श्रम की आवश्यकता नहीं होती है। ग्रामीण किसान, भूमिहीन मजदूर , महिलाएं आदि बकरी पालन >>>
आमतौर पर बकरी को गरीब की गाय भी कहा जाता है जो गाय की ही तरह एक छोटे परिवार के लिए दुग्धोत्पादन कर उसके सदस्यों की दुग्ध आपूर्ति को पूरा करने में सक्षम मानी जाती है। बकरी एक दोलाभी पालतू पशु है, >>>
वर्तमान परिदृश्य में बकरी और भेड़ पालन गरीब मजदूर पशुपालकों की आजीविका का एक प्रमुख साधन है। बकरियों को गरीब की गाय भी कहा जाता है। बकरी और भेड़ की संक्रामक बीमारियों में पी.पी.आर. महामारी का प्रकोप >>>
सामान्य तौर पर बकरी को गरीबों की गाय कहा जाता है। बकरी निर्धन, भूमिहीन एवं सीमांत किसानों के लिए निमित आय का स्रोत है। बकरी पालन किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय है। >>>
बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए कम पूँजी की आवश्यकता होती है इसलिए कोई भी बेरोजगार युवक व किसान इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है। >>>
भारत में बकरियों की संख्या 13 करोड़ 50 लाख है, जिनसे प्रतिवर्ष लगभग 4600 हज़ार टन दूध उत्पादन होता है जोकि देश के कुल दुग्ध उत्पादन का लगभग 3.5 % है। देश में पाई जाने वाली बकरियों की 20 नस्लों में >> >>>
अपने देश भारत में पशुओं की छोटी बड़ी बीमारियों में पशु पालकों द्वारा बांस की नाल, रबड़ की नली, लकड़ी या कांच की बोतल इत्यादि के द्वारा देसी दवाइयां पिलाना एक आम बात है। >>>
बकरी पालन रोजगार आज के समय में किसानों, महिलाओं एवं व्यवसायियों के लिए सफल रोजगार साबित हो चुका है। बकरों की मांस की कमी भी कम नहीं होता है। सभी धर्म, जाति, समुदाय के लोग बकरी के पालन, उपयोग एवं इससे जुड़े कार्यों में परहेज नहीं करते हैं। >>>
उत्तराखण्ड जैसे विकासशील राज्य में बकरी पालन में महिलाओं की प्रमुख भूमिका है। बकरियाँ ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक और वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में समय से >>>
बकरी पालन व्यवसाय सबसे प्राचीनतम व्यवसायों में से एक है। महात्मा गांधी ने बकरी को गरीब की गाय कहा था इसमें कोई संशय नहीं है। इसे थोड़ी सी पूंजी लगाकर व्यवसाय प्रारंभ किया जा सकता है >>>
हालांकि कृत्रिम गर्भाधान तकनीक का उपयोग गाय तथा भैंस प्रजाति में व्यापक रूप से किया जा रहा है परन्तु बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान का प्रचलन अभी तक कुछ सरकारी >>>
भारत वर्ष में बकरी पालन खासकर गरीब तथा सीमान्त पशुपालकों के लिए जीविका के प्रमुख साधन है। इसे लोग ए.टी.एम. की तरह उपयोग करते हैं, अर्थात जब भी किसान बन्धु को पैसे की जरूरत पड़ती है उसे उसी समय बेचकर पैसे प्राप्त कर लेते हैं। किसानों को बकरी बेचने के लिए कोई बाजार की आवश्यकता नहीं होती है। >>>
प्राचीन समय से ही बकरी पालन दूध और मांस के लिए किया जाता रहा है। बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे किसान एवं पशुपालक आसानी से शुरू कर सकते हैं। बकरी को “गरीब >>>
छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर कांकेर जिले के नरहरपुर तहसील के ग्राम देवरी बालाजी के आत्माराम नेताम सूकर एवं बकरी पालन से आत्मनिर्भर बन चुका है। >>>