पशुपालन

गाय एवं भैंस में ऋतु चक्र/ मदकाल के लक्षणों, की समुचित जानकारी द्वारा सफल गर्भाधान

डेरी व्यवसाय में सफल प्रजनन व्यवस्था का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। पशुशाला में उपस्थित वयस्क पशुओं में से अधिकाधिक संख्या  समयानुसार गर्भित होकर सामान्य एवं , स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है तभी दुग्ध उत्पादन का क्रम निरंतर चल सकता है तथा पशुपालक डेयरी व्यवसाय से नियमित आमदनी प्राप्त कर सकता है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

मादा पशुओं में फिरावट अर्थात पुनरावृति प्रजनन की समस्या एवं समाधान

ऐसी गाय एवं भैंस जिनका मदकाल चक्र अर्थात ऋतु चक्र निश्चित अविध का होता है और उनके जनन अंग सामान्य लगते हैं परंतु उनको अधिक प्रजनन क्षमता के, सांड या उच्च गुणवत्ता के वीर्य से कम से कम  3 बार प्राकृतिक अथवा कृत्रिम गर्भाधान कराने के पश्चात भी गर्भधारण नहीं करती है तो वह पुनरावृति प्रजनन या फिरावट की श्रेणी में आती है। >>>

पशुपालन

बांझ / अनुउर्वर गायों को दूध देने योग्य बनाने की वैज्ञानिक तकनीक

अनेक वैज्ञानिक शोध से यह ज्ञात हुआ है कि पशुओं के बिना बच्चा दिए उनसे दूध लिया जा सकता है और यह इस समस्या का समाधान हो सकता है। यह उपचार उन गायों में कामयाब है जो कि कम से कम एक बार बच्चा दे चुकी हो जिससे उनका अयन पूरी तरह से विकसित हो। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

गाय भैसों में रिपीट ब्रीड़ींग की समस्या: कारण व निवारण

भारतीय कृषकों की आय के प्रमुख स्रोत खेती व पशु उत्पाद, मुख्यतः दुग्ध है। अतः पर्याप्त आय हेतु उच्च खेती के साथ रोग मुक्त पशुधन भी आवश्यक है। गोपशुओं की दुग्ध अत्पादकता व अन्ततः कृषक आय प्रभावित होने पर दुग्ध उत्पादकता व अन्ततः कृषक आय प्रभावित होती है। >>>