पालतू पशुओं में जिंक एवं अल्युमिनियम फास्फाइड की विषाक्तता के कारण एवं निवारण

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जब किसी स्वस्थ पशु की आकस्मिक मृत्यु होती है तो उसमें विषाक्तता का संदेह उत्पन्न होता है। यह विषाक्तता कोई जहरीला रसायन खाने से अथवा चारे के साथ जहरीले पौधे खाने से होता है। पशुपालकों को मुख्य विषाक्तताओं की जानकारी होना आवश्यक है ताकि वे अपने पशुओं का इनसे बचाव कर सकें।

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जिंक फास्फाइड रसायन चूहे मारने की सबसे सस्ती एवं कारगर दवा है। जिसका सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। यह दवा आटे में या किसी खाद्यान्न में मिला कर दी जाती है। इससे अधिकतर कुत्ते और बिल्ली में विषाक्तता होती है। अल्युमिनियम फास्फाइड रसायन का उपयोग खाद्यान्नों के भंडारण में होता है।

कारण

चूहे मारने की दवा खाने से या जानबूझकर पशुओं के दाना चारे में मिलाने से। इन रसायनों से पेट के अम्लीय वातावरण से फास्फीन गैस बनती है जो विषाक्तता करती है। दाना चारा खाने के पश्चात यह रसायन खाने से ज्यादा विषाक्तता होती है। फास्फीन गैस से जिगर गुर्दे एवं आंतों के ऊतकों एवं रक्त वाहिनीयों के आवरण को भी क्षति पहुंचती है।

लक्षण

विष खाने के 1 घंटे के भीतर ही विषाक्तता के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। पशुओं की भूख मर जाती है और वह सुस्त हो जाते हैं। सांस लेने की दर और गहराई बढ़ती है। पेट में दर्द होता है व पेट फूलता है तथा पशु को चक्कर आते हैं। सांस लेने में परेशानी, कपकपी, बेसुध हो कर मृत्यु हो जाती है। कुत्तों में इधर उधर दौड़ना व दांत कट कटाने के लक्षण देखने को मिलते हैं।

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शव परीक्षण

रोमनथिका/ पेट खोलने पर एसिटिलीन गैस की गंध आना फेफड़ों में खून जमा होना जलीय शोथ, यकृत गुर्दों में खून भरना, आंतों की सूजन फेफड़ों के आवरण में से पानी बहना आदि देखने को मिलता है। पहचान हेतु पशु के पेट का तरल पदार्थ, यकृत का नमूना विष विज्ञान प्रयोगशाला को विश्लेषण के लिए भेजें।

उपचार

इस विषाक्तता के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है। 5% सोडियम बाइकार्बोनेट के घोल से पेट की धुलाई एवं कैल्शियम बोरोग्लूकोनेट के इंजेक्शन से उपचार किया जाता है।

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इस लेख में दी गयी जानकारी लेखक के सर्वोत्तम ज्ञान के अनुसार सही, सटीक तथा सत्य है, परन्तु जानकारीयाँ विधि समय-काल परिस्थिति के अनुसार हर जगह भिन्न हो सकती है, तथा यह समय के साथ-साथ बदलती भी रहती है। यह जानकारी पेशेवर पशुचिकित्सक से रोग का निदान, उपचार, पर्चे, या औपचारिक और व्यक्तिगत सलाह के विकल्प के लिए नहीं है। यदि किसी भी पशु में किसी भी तरह की परेशानी या बीमारी के लक्षण प्रदर्शित हो रहे हों, तो पशु को तुरंत एक पेशेवर पशु चिकित्सक द्वारा देखा जाना चाहिए।

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