बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अटल अकादमी द्वारा वित्त प्रदत पांच दिवसीय आल-इंडिया फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समापन शुक्रवार को हुआ। वर्चुअल मोड में आयोजित इस वेबिनार में देश के सत्तर विभिन्न विश्वविद्यालय और संस्थानों से बायोलॉजिस्ट और जीन और जीनोम टेक्नोलॉजी में रूचि रखने वाले विद्यार्थी और प्रोफेशनल्स ने भाग लिया।
इस पांच दिवसीय वेबिनार में पंद्रह सत्र, तेरह तकनीकी सत्र और दो अन्य सत्र जिसमे स्ट्रेस प्रबंधन और प्रतिभागियों के मूल्यांकन से संबंधित सत्र आयोजित थे। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में विशेषज्ञों ने एपि जेनोमिक और एपिजेनेटिक्स, क्रोमैटोग्राफी का जीन तकनीक में इस्तेमाल, क्यू-पीसीआर जीन समीक्षा,असाध्य बीमारियों में स्टेम सेल तकनीक का उपयोग, स्वच्छ मीट प्रसंस्करण,माइक्रोब्स के प्रतिकूल वैक्सीन के विकास के लिए कोडॉन बायस का उपयोग, जानलेवा बीमारियों के डायग्नोसिस में अपटैमर्स का उपयोग, फ्लो साइटोमेट्री, ड्रग निर्माण का प्रोसेस, नेक्स्ट जनरेशन सिक्वेंसिंग तकनीक, बायो सेंसर्स, जीनोम संपादन तकनीक, पैथोजन्स के जेनेटिक फिंगरप्रिंट और मेन्टल हेल्थ, स्ट्रेस मैनेजमेंट पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
प्रो. सुब्रमण्यम, विक्रांत सिंह चौहान, डॉ. प्रवीण, डॉ. विजय पांडेय, डॉ. योगेश, डॉ. अजीत, डॉ. अजय, डॉ. मधु बियानी, डॉ. कुमार संजीव, डॉ. अजित सिंह, डॉ. प्रवीण सिंह, डॉ. मीति पुनेथा, डॉ. अरिजीत शोम और डॉ. मधुलिका वाजपेयी विशेषज्ञ के तौर पर मौजूद थे। समापन समारोह में कई प्रतिभागियों ने इस वेबिनार को सरल और बेहतर आयोजन बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक अनुसंधान डॉ. रविंद्र कुमार ने किया, बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. जे.के. प्रसाद ने तमाम विशेषज्ञों का धन्यवाद किया, कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. अनिल गट्टानी, डॉ. अंजय, डॉ. अजीत कुमार और डॉ. प्रमोद कुमार ने अहम् भूमिका निभाया।
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