अलीपुर दिल्ली में खुलेगी किसान मंडी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अलीपुर, दिल्ली में स्थित दिल्ली दुग्ध योजना के स्वामित्व वाले 1.61 एकड़ भूखंड, खसरा नम्बर-91/15 को किसान मंडी स्थापित करने के लिए छोटे किसान कृषि व्यावसाय समिति (एसएफएसी) को पट्टे पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

पट्टे पर देने की अवधि 30 वर्षों की होगी, जो 10 सितंबर, 2014 से 9 सितंबर, 2044 तक प्रभावी रहेगी। पट्टे पर दिए गए भूखंड का किराया 100 रुपये प्रति महीने होगा और इसमें 10 सितंबर, 2014 से प्रति वर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि मान्य होगी। पूरे वर्ष के लिए भूखंड के किराए की अग्रिम अदायगी 31 जनवरी तक करनी होगी।

प्रभाव
एसएफएसी द्वारा किसान मंडी की स्थापना से एफपीओ और कृषि उत्पादन संघों को थोक एवं खुदरा विक्रेताओं को फल व सब्जियां बेचने का एक अतिरिक्त सुविधा केन्द्र प्राप्त होगा। इससे दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र के किसानों तथा देश के उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।

किसान मंडी के मुख्य बिंदुः

  • केवल पंजीकृत एफपीओ/उत्पादन संघों (जीए) को ही इन सुविधा केन्द्रों पर ताजे उत्पाद बेचने की अनुमति होगी।
  • खुदरा विक्रेता संघ, थोक विक्रेता, होटल और कैटरिंग संस्थाएं, आवासीय कल्याण संघ (आरडब्ल्यूए) और सामान्य उपभोक्ता इस सुविधा केन्द्र से खरीद कर सकते हैं। इसमें कोई भी एजेंट/बिचौलिया शामिल नहीं होगा।
  • किसान मंडी के लेन-देन में क्रेता या विक्रेता को कोई शुल्क (कमीशन) नहीं देना होगा। केवल गोदाम, प्रशीतन गृह (कोल्ड स्टोरेज) आदि सुविधाओं के उपयोग के लिए एफपीओ को मामूली शुल्क अदा करना होगा।
  • खुदरा विक्रय केन्द्रों के माध्यम से किसान मंडी सीधे आपूर्ति करने का भी विकल्प देगा। इसके लिए फ्रेंचाइजी मॉडल अपनाया जाएगा। दिल्ली दुग्ध योजना के कुछ चयनित विक्रय केन्द्रों से आलू व प्याज जैसे प्रमुख उत्पादों के विक्रय से इसकी शुरूआत की जाएगी। किसान मंडी ऑनलाइन बिक्री और कॉल सेंटरों के माध्यम से सीधे विपणन की भी सुविधा प्रदान करेगी।
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पृष्ठभूमि
एसएफएसी कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में एक पंजीकृत समिति है। इसका पंजीकरण समिति पंजीकरण अधिनियम 21, 1860 के अंतर्गत किया गया है। इसका कार्य क्षेत्र किसानों को निवेश, तकनीक और बाजार से जोड़ना है। समिति किसानों को समूह निर्माण के लिए सहायता प्रदान करती है। इन समूहों को किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) कहा जाता है। किसान उत्पादक संघों को बेहतर आय के लिए बाजारों से जोड़ा जाता है। एसएफएसी ने पूरे देश में 650 एफपीओ को प्रोत्साहन प्रदान किया है। इन संघों में किसानों की सदस्य संख्या दिसंबर, 2017 तक 6.60 लाख थी। इन निकायों से छोटे व सीमांत किसानों को बेहतर आय प्राप्त करने की सुविधा मिलती है। एसएफएसी ने किसान मंडी की स्थापना का प्रस्ताव दिया है। एसएफएसी द्वारा किसान मंडी की स्थापना से एफपीओ और कृषि उत्पादन संघों को थोक एवं खुदरा विक्रेताओं को फल व सब्जियां बेचने का एक अतिरिक्त सुविधा केन्द्र प्राप्त होगा। इससे दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र के किसानों तथा देश के उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।

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