27 फ़रवरी 2019: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) की साधारण परिषद की 84वीं बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में सहकारी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एनसीडीसी का योगदान सराहनीय रहा है। एनसीडीसी ने सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करने के लिए अपनी कृषि योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से संचालित किया है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की सामान्य परिषद की इस बैठक का मुख्य एजेंडा वर्ष 2019-20 के लिए एनसीडीसी कार्यकलाप योजना पर चर्चा करना था, जिसमें 13,400 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय निर्धारित है।
उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान निगम द्वारा उच्चतम वितरण 25,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जो वर्तमान वर्ष के लक्ष्य का 210 प्रतिशत है। वर्ष (2014-15 से 2018-19) में वर्ष (2009-10 से 2013-14) की तुलना में निगम ने लगभग 222 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। यह गौरव की बात है कि निगम का शुद्ध एनपीए ’शून्य’ कायम है एवं वसूली दर 98 प्रतिशत से अधिक है।
श्री सिंह ने बताया क़ि सहकारी क्षेत्र के लिए नवीन समाधान प्रदान करने में एनसीडीसी सदैव सक्रिय रही है। सहकारिता में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु नवंबर, 2018 में एनसीडीसी की नई योजना ‘युवा सहकार’ को लॉन्च किया गया था। इससे नवगठित सहकारी समितियाँ, एनसीडीसी द्वारा बनाई गई ‘सहकारी स्टार्ट अप’ और ‘इनोवेशन फंड’ का लाभ उठा रही हैंI साथ ही उत्तर पूर्वी क्षेत्र की सहकारी समितियां, आकांक्षी जिलों में पंजीकृत और संचालित समितियां तथा 100 प्रतिशत महिला/एससी/एसटी/दिव्यांगजन सदस्यों वाली समितियां भी रियायती दर पर वित्तीय सहायता प्राप्त कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा नई कृषि निर्यात नीति की घोषणा कर दी गई है। इस पहल के अंतर्गत एनसीडीसी और कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) ने सहयोग के विशेष क्षेत्रों की पहचान की है और इस संबंध में एक समझौता किया है। यह सहयोग सरकार की नीतियों के अनुरूप निर्यात केंद्रित होने के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कृषि और संबद्ध क्षेत्र में हितधारकों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि एनसीडीसी अक्टूबर, 2019 में नई दिल्ली में पहला अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला ‘इंडिया इंटरनेशनल कोऑपरेटिव ट्रेड फेयर’ का आयोजन करेगा। सहकारी व्यापार मेला राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहकारी समितियों और संबंधित संस्थानों को बिक्री, बाजार, उत्पाद प्रदर्शन, सम्मेलन, क्रेता-विक्रेता बैठक, नेटवर्किंग, नीति वकालत आदि के लिए मंच प्रदान करेगा।
उन्होंने बताया कि आधुनिक युग में सहकारी समितियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एनसीडीसी द्वारा हाल ही में विभिन्न स्तरों पर आईटी के क्षेत्र में सहकारी बैंकों को व्यापक रूप से सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ‘कॉपरेटिव एज मॉडर्न बैंकिग यूनिट’ पर मॉडल दस्तावेज जारी किया गया है। इसके जरिये देश के दूरस्थ गांवों में भी किसानों का वित्तीय समावेश हो सकेगा।
इसके अतिरिक्त एनसीडीसी किसानों की आय को दुगुना करने की अपनी भूमिका के अंतर्गत देश में 222 जिलों को लक्षित करने वाले सहकार-22 मिशन के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जिसमें नीति आयोग द्वारा चिह्नित 117 आकांक्षी जिले भी शामिल हैं। अब तक लगभग 200 जिलों को एनसीडीसी सहायता द्वारा कवर किया गया है जिसमें 99 आकांक्षी जिले शामिल हैं।
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