27 जुलाई 2019: उत्तर प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री श्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने कहा है कि गोवंश की सुरक्षा एवं संवर्धन सरकार की प्राथमिकताओं में है और पशुधन विभाग के अधिकारी गोवंश संरक्षण कार्यों का औपचारिकता न समझकर उसके प्रति अपना कर्तव्य एवं जिम्मेदारी निभाए। प्रत्येक मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सप्ताह में कम से कम दो गौशालाओं में जाकर गोवंश के भरण-पोषण की स्थिति देखें और नियमित रूप से उसकी सूचना शासन/मुख्यालय को उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि गोवंश का गंभीरता एवं संवेदनशीलता पूर्वक रख-रखाव किया जाये और किसी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता से गोवंश की मृत्यु न होने पाये।
श्री लक्ष्मीनारायण चौधरी आज पशुपालन निदेशालय में पशुधन विभाग की समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशुओं को खुरपका-मुहंपका रोग से मुक्त करने के लिए टीकाकरण कार्यक्रम तेजी लायी जाये और पशु आरोग्य मेलों के माध्यम से पशुपालकों एवं पशुओं को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करा उनकी समस्या का समाधान किया जाये। इसके साथ ही पशु चिकित्सा क्षेत्र हो रहे नयेप्रयोगों की सम्भावनाओं का पता लगाकर विशेषज्ञों की सहायता से उन्हें भी अपनाया जाये।
श्री चौधरी ने बैठक में वर्तमान वित्तीय वर्ष विभिन्न योजनाओं में प्राविधानित बजट के सापेक्ष कम प्रगति वाले जनपदों पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए अधिकारियों को कार्यक्रम में तेजी लाने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी कार्य संस्कृति बदलाव लायें और विभाग की छवि बेहतर बनायें। उन्होंने गोवंश की सुरक्षा के सम्बन्ध में अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव, पशुधन डॉ0 सुधीर एम. बोबडे ने मंत्री जी को विभागीय योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने अधिकारियों को टीकाकरण, बधियाकरण, कृत्रिम गर्भाधान में तेजी लाने और छुट्टा गोवंश के रख-रखाव एवं भरण-पोषण हेतु आवंटित धनराशि का समुचित प्रयोग किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सीतापुर में खैराबाद, बिसवां, आदि स्थानों पर श्वान द्वारा काटे जाने की समस्या न होने देने के लिए ए.बी.सी क्लीनिक (एन्टी बर्थ सेन्टर) जिला प्रशासन के सहयोग से संचालित की जाये। उन्होंने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि बैठक में उनके द्वारा दिये गए निर्देशों का कठोरता से अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा।
बैठक में अस्थायी गो-आश्रय स्थलों के निर्माण कार्य, गो संरक्षण केन्द्रों, पशु चिकित्सालयों एवं पशु सेवा केन्द्रों, पं0 दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेलों, डिजीज फ्री जोन, (बीमारी मुक्त परिक्षेत्र) सचल पशुचिकित्सा सेवायें, रूरल बेक्यार्ड पोल्ट्री डेवलपमेंट, अतिरिक्त चारा विकास कायर्क्रम, गोवंशीय पशुओं में सेक्सड सीमेन का उपयोग, भेड़ प्रजनन विस्तार, कुक्कुट विकास के अन्तर्गत संचालित योजनाओं तथा छुट्टा गोवंश के रख-रखाव पर विस्तार से समीक्षा की गयी। समीक्षा बैठक पशुधन विभाग के सचिव, श्री एस.के सिंह, निदेशक यू.पी. सिंह(प्रशासन) डॉ0 एस.के. श्रीवास्तव, निदेशक (रोग नियन्त्रण एवं प्रक्षेत्र) एवं मण्डल एवं जनपद स्तर के अधिकारी उपस्थित थे।
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