पशु विज्ञान केंद्र (लिमखेड़ा) ने “बकरी पालन एक आदर्श व्यवसाय” विषय पर महिलाओं को प्रशिक्षित किया

4.8
(24)

एक कहावत है कि “बकरी गरीब की गाय है” यह कहावत गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगो के लिए बिलकुल सत्य है क्योंकि इनके लिए बड़े जानवरों जैसे गाय भैंस का पालन पोषण मुश्किल होता है। गुजरात के “पशु विज्ञान केंद्र (लिमखेड़ा), आदिवासी संशोधन व प्रशिक्षण संस्था तथा आनंद कृषि विश्वविद्यालय द्वारा “बकरी पालन – एक आदर्श व्यवसाय ” विषय पर दाहोद जिले के देवगढ़ बैरिया तालुका के गाँव की महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया।

बकरी पालन

प्रशिक्षण कार्यक्रम में पशु विज्ञान केंद्र के डॉ. के. एन. वागवानी (प्रोफेसर) ने बकरी पालन व्यवसाय के वैज्ञानिक पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बकरियों के आवास, आहार तथा प्रबंधन से सम्बंधित बिन्दुओं पर विस्तार से बताया। डॉ. गणवंत (सहायक प्रोफेसर) ने बकरी पालन की उपयोगिता तथा बकरियों के दूध के औषधीय गुणों पर प्रकाश डाला। श्री जे. एम. पटेल (पशुधन निरीक्षक) ने बकरियों के बाह्य और अंत परजीवियों के सम्बन्ध में जानकारी दी तथा विस्तार से बताया की पशुपालक कैसे अपनी बकरियों को बाह्य और अंत परजीवियों से  बचा सकते है।

और देखें :  गर्भावस्था के दौरान बकरियों का रखरखाव

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

और देखें :  बकरी पालन- दो लाभी व्यवसाय

औसत रेटिंग 4.8 ⭐ (24 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

और देखें :  बकरियों में होने वाली प्रमुख बीमारियाँ, कारण, लक्षण, रोकथाम एवं चिकित्सा उपचार

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*