प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरूआत की

4.9
(122)

11 सितम्बर 2019: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मथुरा में देश में पशुओं के खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी) और ब्रूसेलोसिस के नियंत्रण और उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीडीपी) की शुरूआत की। पूर्णतः केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम की व्यय राशि 12652 करोड़ रुपये है। इन दोनों बीमारियों में कमी लाने के प्रयास के तहत देशभर में 60 करोड़ से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने टीकाकरण और रोग प्रबंधन, कृत्रिम गर्भाधान और उत्पादकता पर राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम और देश के सभी 687 जिलों के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में एक राष्ट्रव्यापी कार्यशाला की भी शुरूआत की। एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पर्यावरण और पशुधन हमेशा ही भारत की आर्थिक सोच और इसके दर्शन के केन्द्र में रहे हैं। इसीलिए, चाहे स्वच्छ भारत अथवा जल जीवन अभियान हो अथवा कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने की बात हो, हम हमेशा प्रकृति और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन कायम रखने की कोशिश करते हैं।’

प्रधानमंत्री ने देश में प्लास्टिक के एकल इस्तेमाल में कमी लाने पर जोर देते हुए स्वच्छती ही सेवा कार्यक्रम की भी शुरूआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि इस वर्ष 2 अक्टूबर तक हमारे घरों, कार्यालयों, कार्यस्थलों को प्लास्टिक के एकल इस्तेमाल से छुटकारा मिले। उन्होंने सभी स्वयं सहायता समूहों, नागरिक समाज, गैर-सरकारी संगठनों, महिलाओं एवं युवाओं के संगठनों, महाविद्यालयों, विद्यालयों, प्रत्येक सरकारी और निजी संगठनों, प्रत्येक व्यक्ति से अपील करते हुए प्लास्टिक के एकल इस्तेमाल को रोकने के इस अभियान में शामिल होने का आह्वान किया।

और देखें :  तरल दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों की विपणन व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाय पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास मंत्री उत्तर प्रदेश

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें प्लास्टिक बैगों के लिए सस्ते और आसान विकल्पों को ढूंढना चाहिए और हमारे स्टार्ट-अप उद्योगों के माध्यम से बहुत से समाधान निकाले जा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने पशुओं के स्वास्थ्य, पोषण और दूध उत्पादन से संबंधित कई अन्य कार्यक्रमों की भी शुरूआत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन और अन्य संबंधित क्रियाकलापों को अत्यधिक भूमिका है और पुशपालन, मछलीपालन, मधुमक्खी पालन आदि में निवेश करने से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में हम खेती और क्रियाकलापों के संदर्भ में एक नई पहुंच के साथ आगे बढ़े हैं और पुशधन, दूध उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाने और उनकी विविधता के क्रम में आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए हरे चारे और पोषक आहार की नियमित आपूर्ति के लिए एक समुचित समाधान ढूंढने की जरूरत है।

और देखें :  गोवंश की सुरक्षा एवं संर्वधन में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये- पशुधन विकास मंत्री उत्तर प्रदेश

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में दुग्ध क्षेत्र के विस्तार के लिए नवाचार और नई प्रौद्योगिकी समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे गांवों से इस प्रकार की नई खोजें की जाएं, इसके लिए हमने ‘स्टार्ट- अप ब्रांड चैलेंज’ की शुरूआत की है। प्रधानमंत्री ने युवाओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी अवधारणाओं को आगे ले जाने और उनके लिए समुचित निवेश जुटाने के लिए गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा। इससे रोजगार के नए अवसर तैयार होंगे।

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.9 ⭐ (122 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

और देखें :  केन्द्रीय पशुपालन राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने किया राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का शुभारम्भ

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*