एनडीडीबी ने पोषण जागरूकता अभियान की शुरूआत की

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20 सितंबर 2019: भारत सरकार के राष्ट्रीय पोषण माह उत्सव के अनुरूप श्री दिलीप रथ, अध्यक्ष, एनडीडीबी ने 16 सितंबर 2019 को एनडीडीबी, आणंद में पोषण जागरूकता अभियान की शुरुआत की। डेरी बोर्ड में 16 से 20 सितंबर 2019 तक पोषण जागरूकता सप्ताह मनाया गया।

इस अभियान के एक भाग के तौर पर, अध्यक्ष, एनडीडीबी ने संतुलित आहार के साथ-साथ नियमित आहार में दूध और दूध उत्पादों को शामिल करने की आवश्यकता से संबंधित जानकारी प्रदर्शित करने वाले एक वाहन को झंडी दिखाकर रवाना किया । यह वाहन आणंद और इसके आस-पास के क्षेत्रों के साथ-साथ निकटवर्ती सरकारी स्कूलों का दौरा करेगा और सप्ताह के दौरान लगभग 5,000 छात्रों को दूध वितरित करेगा।

उन्होंने यह बताया कि कुपोषण हमारे देश में बीमारी और मृत्यु दर का प्रमुख कारण है। यह एक ऐसा स्वास्थ्य संकट है जो महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की अपर्याप्त खपत के कारण उत्पन्न होता है । इसके कारण कई बच्चे छोटे कद के तथा कम वजन के हो जाते हैं। एनएफएचएस के अनुसार, हमारे देश में 5 वर्ष से कम आयु के 36% बच्चे कम वजन और 38% छोटे कद के हैं।

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दूध एक संपूर्ण आहार है और संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह विभिन्न मैक्रो और माइक्रो पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, विटामिन और विभिन्न खनिजों से भरपूर है, जो उत्तम स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। कई अध्ययनों से यह पता चला है कि बच्चों द्वारा नियमित दूध का सेवन करने से उनके स्वास्थ्य और ज्ञानात्मक मापदंडों में सुधार होता है और साथ ही पोषण संबंधी कमियां दूर होती हैं।

श्री रथ ने यह कहा कि स्थानीय तौर पर उपलब्ध स्थायी आहार को लोकप्रिय बनाने से हमारी भावी पीढ़ी की खपत के विकल्प प्रभावित होंगे और साथ ही किसान लाभान्वित होंगे । इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के इस युग में हमारी कृषि-खाद्य प्रणाली की सुरक्षा करेंगे। इस दिशा में उठाया गया हर छोटा कदम हमें स्थायी रूप से 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत के मिशन को हासिल करने के करीब ले जाता है।

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कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से, एनडीडीबी ने सरकारी स्कूली बच्चों को दूध उपलब्ध कराने हेतु एनडीडीबी फाउंडेशन फॉर न्यूट्रीशन (एनएफएन) की स्थापना की थी। एनएफएन का गिफ्टमिल्क कार्यक्रम कॉर्पोरेट के सीएसआर आवंटन के माध्यम से संचालित होता है। यह कार्यक्रम सरकारी स्कूली बच्चों को सभी कार्य-दिवसों में 200 मिली फ्लेवर्ड पास्चुरीकृत टोन्ड दूध उपलब्ध कराने का प्रयास करता है। अब तक, एनएफएन ने देश के 7 राज्यों में लगभग 48,000 बच्चों को लगभग 70 लाख यूनिट दूध वितरित किया है।

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