पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस वर्ष बजट में 400 नवीन पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोलने की घोषणा की थी। उसकी अनुपालना में पशुपालन विभाग ने भीलवाड़ा, जयपुर, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, धौलपुर एवं बूंदी जिलों में 26 नए उप केंद्र खोलने की स्वीकृति जारी की है। उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा जिले में सहाड़ा-रायपुर विधानसभा क्षेत्र में बाड़ी एवं गणेशपुरा में नवीन पशु चिकित्सा उप केंद्र खुलेगा। इसी प्रकार जयपुर जिले में विराटनगर विधानसभा क्षेत्र में खेलना एवं जौधूला, बगरू विधानसभा क्षेत्र में ठीकरिया एवं जगन्नाथपुरा, जमवारामगढ़ में रामपुरा उर्फ बादियावाला, कोटपूतली में खेड़कीवीरभान एवं कंवरपुरा, झोटवाड़ा में जोरपुरा में नवीन पशु चिकित्सा उपकेंद्र खुलेंगे। इसी प्रकार करौली जिले में टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र में कदमखुण्डी एवं ढहरिया, हिंडौन विधानसभा क्षेत्र में सिकरौदा मीणा एवं नगला मीणा, करौली विधानसभा क्षेत्र में मोठीयापुरा एवं कुतकपुर में नवीन पशु चिकित्सा उपकेंद्र खुलेंगे। पशुपालन मंत्री ने बताया कि कोटा जिले में सांगोद विधानसभा क्षेत्र में अमरपुरा एवं खजूरी, पीपल्दा में रनोदिया एवं जटवाड़ा, सवाई माधोपुर जिले के बामनवास विधानसभा क्षेत्र में निमोद राठौड़ एवं थडोली में पशु चिकित्सा उपकेंद्र खुलेंगे। इसी तरह बूंदी जिले की हिंडोली विधानसभा क्षेत्र में सादेडा एवं सहसपुरिया तथा धौलपुर जिले में बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में टोडपुरा एवं बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में धौर्य में नया पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोलने की स्वीकृति जारी की गई है।
Related Articles
पशुपालन के क्षेत्र में मूल्य संवर्धन उत्पाद व प्रसंस्करण समय की आवश्यकता
पशुपालन और ग्रामीण विकास विषय पर वेटरनरी विश्वविद्यालय में नाबार्ड के महाप्रबंधक सहित राज्य के जिला विकास प्रबंधकों के साथ राजुवास और केन्द्रीय अनुसंधान संस्थाओं के वैज्ञानिकों की संरचनात्मक बैठक >>>
Share this article
उन्नत नस्ल के पशुधन से पशुपालन व्यवसाय को लाभकारी बनायें- श्री लालचन्द कटारिया
5 (34) कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि प्रदेश के पशुपालकों >>>
Share this article
स्टाम्प ड्यूटी अधिभार का 50 प्रतिशत गौ संवर्धन एवं संरक्षण पर खर्च होगा- मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कृषि को किसानों के लिए लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए प्रगतिशील कृषकों के साथ मिलकर नवाचार करने, जैविक तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु के आधार पर शोध कर फसल उत्पादन की सलाह देने पर जोर दिया है। >>>
Be the first to comment