दूध और डेयरी क्षेत्र में बैक्टीरियोफेज के प्रयोग विषय पर बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालय संजय गाँधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्था में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे आयरलैंड की प्रसिद्ध वैज्ञानिक ओलिविया मैक ऑलिफ द्वारा दूध और डेयरी क्षेत्र में बैक्टीरियोफेज के वर्तमान और संभावित अनुप्रयोग: रोगजनकों के पहचान और नियंत्रण का भविष्य विषय पर प्रस्तुति दी गयी।
अपने प्रेजेंटेशन में उन्होंने खाद्य क्षेत्र में अनुसंधान, विकास और नवाचार के बारे में बताया साथ ही बायोएक्टिव, बायोकंट्रोल, बायोट्रॉस्फॉर्मेशन और हेल्थ पर ध्यान देने हेतु महत्वपूर्ण जानकारियां साझा किया साथ ही डेयरी के प्रोसेसिंग में फेज के संभावित उपयोग पर भी व्याख्यान दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय डेयरी अनुसन्धान संस्थान, करनाल के वैज्ञानिक डॉ प्रदीप बेहरे ने स्वास्थ्य गुणों और डेयरी फेज नियंत्रण में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया के एक्सोपोलिसैकराइड की भूमिका पर अपना व्याख्यान दिया, उन्होंने बाह्य पॉलीसेकेराइड के उपयोग और गुणों का विस्तृत चर्चा किया साथ ही लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया से उत्पन्न ईपीएस के भूमिका पर चर्चा किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने कहा की इन दिनों रेडीमेड और पैकेज्ड फ़ूड की डिमांड काफी बढ़ गयी है, दूध और डेयरी के क्षेत्र में फर्मेन्टेड फ़ूड के उत्पादन में बेहतरीन वृद्धि देखने को मिल रही है जो सेहतमंद होने के साथ-साथ अपने उत्पान क्षमता से हमारे अर्थव्यवस्था को भी बल प्रदान कर रहा है। पिछले कई दशकों से हम भारत में फर्मेन्टेड दूध उत्पादों के सफर को देख रहे है जिसमे वृद्धि देखने को मिल रही है, साथ ही कल्चर के उपयोग में भी वृद्धि हुई है। इस संगोष्ठी में वैज्ञानिकों द्वारा फेज के बायोलॉजी और फ्लेवर उतपाद के बेहतर उत्पादन को समझा जा सकता है जो भविष्य के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
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