वार्षिक गोसदन अनुदान वितरण एवं सम्मान कार्यक्रम उत्तराखण्ड

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आज श्रीमती रेखा आर्या मा० राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पशुपालन, मतस्य, महिला कल्याण एवं बाल विकास, उत्तराखण्ड सरकार (पदेन अध्यक्ष उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड) के मुख्य आतिथ्य में मान्यता प्राप्त गोसद्नों हेतु “वार्षिक गोसदन अनुदान वितरण एवं सम्मान कार्यक्रम” आयोजित किया गया। उत्तराखण्ड शासन द्वारा शासनादेश संख्या १५४ दिनांक 29 जनवरी 2020 के अनुरूप 27 गोसदनों  हेतु गोवंश भरण-पोषण मद में रु० 2.20 करोड़ की राजकीय अनुदान राशि अवमुक्त किये जाने का निर्णय लिया गया है। तद्नुसार कार्यक्रम में पर्वतीय क्षेत्र के 16 गोसदनों तथा मैदानी क्षेत्र के 11 गोसदनों को डेमो चेक के माध्यम से गोवंश भरण पोषण मद में रु० 2.20 करोड़ की राजकीय अनुदान राशि आबंटित की गयी। शीघ्र ही वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में दो गोसदनों को गोशाला निर्माण मद में रु० 30.00 लाख की राजकीय अनुदान राशि अवमुक्त किये जाने सम्बंधित प्रस्ताव शासन स्तर पर निर्णयाधीन है। गत वित्तीय वर्षों की तुलना में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019 -20  में, राज्य सरकार द्वारा गोसदनों हेतु राजकीय अनुदान मद में उल्लेखनीय वृद्धि की गयी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019 -20 में गोसदनो हेतु राजकीय सहायता अनुदान मद में कुल रु० 250.00 लाख का बजट का प्राविधान किया गया है।

इस अवसर पर मा0 मंत्रीजी द्वारा अवगत कराया गया कि, उत्तराखण्ड सरकार द्वारा गोवध के प्रतिषेध, गोतस्करी पर प्रभावी रोक तथा समस्त गोवंश का संरक्षण सुनिश्चित किये जाने हेतु उत्तराखण्ड गोवंश संरक्षण अधिनियम पारित किया गया है। ट्रस्ट एक्ट अथवा सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत गैर सरकारी गोकल्याण संस्थाओं द्वारा अलाभकार गोवंश (निराश्रित/ अनुत्पादक/वृद्ध/बीमार/गोतस्करों से जब्त किये गए केस प्रॉपर्टी गोवंश) को शरण दिए जाने का कार्य किया जाता है। उत्तराखण्ड गोवंश संरक्षण अधिनियम के प्राविधानों के अनुरूप निर्धारित अर्हताएं पूर्ण करने वाले इन गोसदनों को राजकीय मान्यता प्राप्त तथा अनुदान दिए जाने का प्राविधान किया गया है। अग्गामी वित्तीय वर्षों में गैर सरकारी गोकल्याण संस्थाओं द्वारा संचालित गोसदनों को बढावा दिए जाने हेतु गोसदनों को अधिकाधिक आर्थिक सहायता दिया जाना प्रस्तावित हैं।  गैर सरकारी गोकल्याण द्वारा संचालित सभी गोसदन जनसहयोग के अतिरिक्त गोबर, गोमूत्र एवं अन्य पंचगव्य उत्पादों के माध्यम से भी यथासंभव अधिकाधिक आर्थिक स्वावलंबन हेतु प्रयासरत है।  शहरी विकास विभाग द्वारा नगर निकायों के माध्यम से कांजी हाउस गोशाला शरणालयों की स्थापना हेतु कार्य योजना प्रारम्भ की गयी है तथा पंचायती राज्य विभाग द्वारा भी ग्रामीण क्षेत्रों में 25-25 ग्रामों के समूह के माध्यम से कांजी हाउस शरणालयों की स्थापना प्रस्तावित है।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय विधायक श्री विनोद चमोली जी द्वारा की गयी। कार्यक्रम के विशिष्ठ अथितिगणों में डॉ विनोद आर्य मा० उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड, पं० राजेन्द्र अन्थवाल, मा० उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग, श्री रविन्द्र कटारिया, मा0 उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकाश बोर्ड एवं श्री राजीव गुप्ता आइ०ए०एस० (से०नि०), मा० उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड लोक सेवा अधिकरण, डॉ के०के० जोशी, निदेशक पशुपालन विभाग, उत्तराखण्ड  द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ आशुतोष जोशी संयुक्त निदेशक (प्रभारी अधिकारी), उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड द्वारा किया गया।

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