छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये किसानों तथा महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों से  सीधी बातचीत की

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी के पुण्यतिथि के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किसानों के लिए पूरे राज्य में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर सांसद श्रीमती सोनिया गांधी और सांसद श्री राहुल गांधी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दिल्ली से जुड़े रहे। प्रदेश के किसानों के हितों की इस महत्वाकांक्षी योजना से जिले के 3 हजार 259 किसान लाभान्वित होंगे। ज्ञातव्य है कि खेती-किसानी में पर्याप्त निवेश और काश्त लागत में राहत देने हेतु राज्य शासन द्वारा कृषि आदान सहायता के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की गई है। इस योजनांतर्गत खरीफ सीजन के धान, मक्का, सोयाबीन, तिल, मूंगफली, अरहर, उड़द, मूंग, कुल्थी, रामतिल, कोदो-कुटकी, रागी तथा रबी सीजन के गन्ना फसलों को सम्मिलित किया गया है।

ज्ञात हो कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के तहत जिले के 3 हजार 259 किसानों ने 10 हजार 554 टन धान का विक्रय समर्थन मूल्य पर किया। इन किसानों को उपार्जन के दौरान 19 करोड़ 16 लाख एक हजार 892 रुपये का भुगतान किया गया था और अब ढाई हजार रुपये की दर से अंतर की राशि 7 करोड़ 22 लाख 54 हजार रुपये राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत चार किश्तों में इन किसानों को मिलेगी।

आज इस योजना के अवसर पर पहली किश्त के रूप में विपणन संघ के द्वारा एक करोड़ 90 लाख 74 हजार रुपये की राशि जिले के उक्त 3 हजार 259 किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित की गई। योजना के शुभारंभ अवसर पर दंतेवाड़ा विधायक श्रीमती देवती महेन्द्र कर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष तूलिका कर्मा तथा अन्य जनप्रतिनिधियों सहित कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा, डीएफओ श्री सन्दीप बलगा, सीईओ जिला पंचायत श्री सच्चिदानंद आलोक और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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दूरस्थ ईलाके की महिलाओं ने निःसंकोच होकर अपनी उपलब्धि और योजनाओं के फायदे को बताया
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना का शुभारंभ करने के पश्चात आज राज्य के विभिन्न हिस्सों के किसानों तथा महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्य महिलाओं से रूबरू होकर सीधी बातचीत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिला दन्तेवाड़ा में दो तिहाई परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करते हैं। इसे मद्देनजर रखकर राज्य सरकार द्वारा दन्तेवाड़ा जिले में गरीबी-उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी अभियान के माध्यम से दन्तेवाड़ा जिले में बीपीएल परिवारों के औसत को राष्ट्रीय औसत से कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

वनोपज संग्रहण के लाभ सहित सुपोषण अभियान और हाट-बाजार क्लीनिक योजना क्रियान्वयन के बारे में दी जानकारी
उन्होंने इस दिशा में खेती-किसानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, मत्सय पालन, वनोंपज संग्रहण और अन्य आर्थिक गतिविधियों में महिला स्व-सहायता समूहों की सक्रिय सहभागिता की प्रशंसा करते हुए इन ग्रामीण महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर दन्तेवाड़ा जिले के दूरस्थ कटेकल्याण ब्लॉक के वनोपज संग्रहण कार्य में जुड़ी महिला समूह की सदस्य सुरेखा ने निःसंकोच होकर बताया कि पहली बार हमें वनोपज खरीदी करने का मौका मिला। पहले संग्राहक साप्ताहिक हाट-बाजार में व्यापारियों को कम दाम में अपना वनोपज बेचते थे, लेकिन अब सरकार की पहल से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी होने के फलस्वरूप इन संग्राहकों को वाजिब दाम मिल रहा है। सुरेखा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जिले के महिला स्व-सहायता समूहों ने करीब 3 करोड़ 44 लाख रूपये का 11 हजार क्विंटल वनोपज का खरीदी किया है। इस कार्य के फलस्वरूप महिला समूहों को 2 प्रतिशत कमीशन की राशि लगभग 7 लाख रूपये मिला है। अभी महिला समूहों की सदस्य महिलाएं इमली प्रसंस्करण कार्य में लगी हुई हैं। जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा होगा।

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इस मौके पर दन्तेवाड़ा ब्लॉक के बालपेट निवासी भीमबती नाग सुपोषण अभियान के बारे में बताया कि जिले में 24 जून 2019 से शुरू इस अभियान को 262 महिला समूहों द्वारा कारगर ढंग से संचालित किया जा रहा है। जिससे 24 हजार 551 हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। इस अभियान का सकारात्मक नतीजा मिलना शुरू हुआ है और कुपोषण की दर में करीब 6 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। इस दौरान गीदम ब्लॉक के समलूर निवासी उमेश्वरी ठाकुर ने बताया कि जिले में 19 जून 2019 से शुरू हाट-बाजार क्लीनिक योजना के माध्यम से दूरस्थ ईलाके के ग्रामीणों को स्वास्थ जांच और उपचार की सुविधा समीपस्थ हाट-बाजार में ही उपलब्ध हो रही है। इसके साथ ही गंभीर बीमारियों से पीडि़त लोगों को बेहतर उपचार के लिये जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज अस्पताल तथा अन्य उच्च चिकित्सा संस्थानों में भेजा जाता है। यह योजना अंदरूनी ईलाकों के ग्रामीणों के लिये वरदान साबित हो रही है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से चर्चा करते हुए इन तीनों महिलाओं ने सरकार के आदिवासी अंचल में किये जा रहे योजनाओं के कार्यान्वयन के लिये कृतज्ञता प्रकट किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उक्त महिलाओं की बातों को तन्मयता के साथ सुना और इन महिलाओं का उत्साहवर्धन किया।

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