पशुपालन निदेशक ने वीसी के माध्यम से NADCP की तैयारियों की समीक्षा बैठक की

4.8
(24)

निदेशक पशुपालन विभाग उत्तराखण्ड डॉ के.के. जोशी ने सोमवार को पशुपालन निदेशालय से विडियो कांफ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से उत्तराखण्ड के सभी जिलों में ‘राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम” (NADCP) की तैयारियों को लेकर समीक्षा की। वीसी में उत्तराखण्ड के जनपदों के मुख्यपशुचिकित्सा अधिकारी एवं मंडल के अपर निदेशक ने राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम को लेकर जनपदों में की जा रही तैयारियों की जानकारी दी। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारीयों द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में पशुओं में टैगिंग का कार्य किया जा रहा है, उन्होंने टैगिंग में हो रही धीमी प्रगति के संबंध में अवगत कराया कि कई गांवो में कोरोना महामारी के कारण गाँव के लोगो द्वारा विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को गाँव में आने नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में निदेशक पशुपालन द्वारा निर्देशित किया गया कि कार्यक्रम के क्रियान्वयन में कोरोना महांमारी के संबंध में केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन द्वारा समय समय पर दी जा रही गाइडलाइन के अनुसार ही कार्य करें।

पशुपालन निदेशक डॉ के.के. जोशी ने जनपदों में वैक्सीन के भंडारण की व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली तथा सभी को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम हेतु वैक्सीन भण्डारण तथा ट्रांसपोर्टेशन हेतु समुचित व्यवस्था बना दी जाय। साथ ही उन्होंने जनपदों में उपलब्ध अधिकारी कर्मचारियों की उपलब्धता की जानकारी ली तथा सभी मुख्यपशुकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया कि पशुचिकित्सा अधिकारी, फार्मेसिस्ट, पशुधन प्रसार अधिकारी, विभागीय वेक्सिनेटर तथा AI का कार्य कर रहे प्राइवेट पैरावेट के माध्यम से राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम को सम्पादित किया जाय तथा जनपद की परिस्थितियों के अनुसार कार्य योजना पहले से तैयार कर ली जाय। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम में काम न करने या लापरवाही बरतने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए।

और देखें :  वार्षिक गोसदन अनुदान वितरण एवं सम्मान कार्यक्रम उत्तराखण्ड

विडियो कांफ्रेंसिंग में पशुपालन निदेशालय में अपर निदेशक मुख्यालय डॉ अशोक कुमार, CEO यू.एल.डी.बी. डॉ एम.एस. नयाल, संयुक्त निदेशक प्रशासन डॉ नीरज सिंघल, संयुक्त निदेशक रोग नियंत्रण डॉ देवेन शर्मा संयुक्त निदेशक उत्तराखण्ड पशुकल्याण बोर्ड डॉ आशुतोष जोशी, संयुक्त निदेशक डॉ गुरूरानी, पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ कैलाश उनियाल, डॉ बृजेश रावत तथा डॉ अमित राय उपस्थित थे।

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.8 ⭐ (24 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

और देखें :  पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली पशुजन्य/ जूनोटिक बीमारियों से बचाव हेतु "जैव सुरक्षा उपाय"

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*