उत्तराखण्ड की महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित सभाकक्ष में राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की प्रबन्ध समिति की बैठक में आवश्यक निर्देश दिये। उन्होने कहा कि मत्स्य पालको के आय वृद्वि पर विशेष घ्यान दिया जाए और मत्स्य पालको के लिए बीमा का प्रावधान किया जाय।
बैठक में कहा गया कि प्राकृतिक आपदा के कारण मत्स्य पालन ढाॅचे में हुए नुकसान की भरपाई के लिए मत्स्य पालको को बीमा से जोडा जाएगा। इसमें मत्स्य पालक, मत्स्य पालन विभाग और मत्स्य अभिकरण का योगदान होगा। बीमा कवर के अन्तर्गत ट्राउड सहित सभी मत्स्य प्रजाति को जोडा जायेगा। कोविड प्रभाव के चलते मत्स्य पालको के नुकसान की भरपायी के लिए जाॅच कमेटी की रिर्पोट द्वारा हुई क्षति की भरपायी की जायेगी। डैम, तलाब, हैचरी पर सुरक्षा और मोनिटरिंग के लिए सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया गया है। इससे न केवल मत्स्य चोरी को रोका जा सकता हैए बल्कि आयतित मछली के डाले गए बीज की भी चैकिंग की जा सकती है।
इसके अतिरिक्त ऊर्जा बचत के लिए सोलर पम्प डैमए हैचरी, पर लगाने के लिए परीक्षण करके रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिया गया। मत्स्य पालन को बढावा देने के लिए ट्राउड प्रजाति को डेनमार्क से मगाया जाएगा। मछली के मण्डी का भी शुभारम्भ सभी जनपद में किया जायेगा। इससे पूर्व उधमसिंहनगर, रूड़की में मत्स्य मण्डी का संचालन किया जा रहा है। देहरादून, हरिद्वार सहित अन्य पहाड़ी जनपदों में भी इसका विस्तार किया जाएगा। मत्स्य अभिकरण के माध्यम से अच्छी क्वालिटी की फ्रेश मछली विभिन्न रेस्टोरेन्ट से सप्लाई भी की जाएगी।
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