पशुपोषण

साइलेज पशुओं को वर्ष भर हरा चारा प्रदान करने की सर्वोत्तम विधि

भारत एक कृषि प्रधान देश है कृषि एवं पशुपालन एक दूसरे के अभिन्न अंग है पशुपालन व्यवसाय में पशुओं से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए संतुलित आहार एवं कम लागत द्वारा ही संभव है पशुओं में कम लागत पर >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पालतु पशुओं में अंतःकृमियों के दुष्प्रभाव एवं निवारण

पशुओं की उत्पादकता में सुधार करना मुख्य चुनौतियों में से एक है जिसमें अंतःकृमियों, जिन्हें आमतौर पर पेट के कीड़े कहा जाता है, का प्रत्याक्रमण अतिमहत्वपूर्ण है। आमतौर पर पशुओं में अंतःकृमियों का प्रको >>>

पशुपोषण

प्रोटीन, खनिज तत्वों और विटामिन का पशु प्रजनन पर प्रभाव

पशुओं की प्रजनन क्षमता उनके खान-पान पर निर्भर करती है। शुक्राणु का निर्माण, मद चक्र का उचित समय पर आना तथा स्वस्थ बच्चे का पैदा होना उचित आहार पर ही निर्भर करता है। अनुचित आहार से शरीर की क्रियाओं >>>

पशुपालन

दुधारू पशुओं के प्रजनन में अल्ट्रासोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) की उपयोगिता

हमारे देश की प्रभुता एवं सम्पन्नता में पशुपालन की अहम भूमिका हैं। सफल पशुपालन (डेरी व्यवसाय) का अभिप्राय अधिक से अधिक लाभ कमाना हैं, इसके लिए पशु की प्रजनन समस्याओं की समय पर सटीक जाँच एवं उपचार >>>

डेरी पालन

लाभदायक डेयरी व्यवसाय के लिए आवश्यक है ओसर मादा पशुओं का उचित प्रबंधन

मादा बाल पशु ही छोटे से बड़ी मादाएं बन कर एक दुधारू गाय/भैंस बनती हैं। जितनी ज्यादा संख्या में छोटे मादा पशुओं की अच्छी देखभाल होती है तो उतनी ही ज्यादा मादाओं की प्रतिस्थापना होगी। यदि बाल एवं ओसर >>>

पशुपालन

कृत्रिम गर्भाधान की असफलता के कारण एवं समाधान

कृत्रिम गर्भाधान गर्भधारण कराने की वह विधि है जिसके द्वारा परीक्षित सॉडों का वीर्य कृत्रिम योनि द्वारा इकट्ठा कर उनकी जांच कर व तनुकरण की सहायता से वीर्य का आयतन बढ़ाकर( शुक्राणुओं की संख्या को >>>

पशुपालन

पशुओं में निश्कलीकायन एवं सींग काटने के लाभ

प्रस्तावना पशु प्रबंधन पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण अभिन्न अंग है, जिसके सही संयोजन से पशुपालक न केवल आर्थिक लाभ को प्राप्त करता है वरण समाज में एक प्रोत्साहन के उदाहरण के रूप में जाना जाता है >>>

पशुपालन समाचार

पिथौरागढ़ उत्तराखण्ड के विकास खण्ड बेरीनाग में पशु प्रदर्शनी

आज पशुपालन विभाग उत्तराखण्ड द्वारा जनपद पिथोरागढ़ के विकास खण्ड बेरीनाग के ग्राम सभा नगौर के मोराड़ी में पशु प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आए पशुपालकों द्वारा अपने >>>

पशुओं की बीमारियाँ

कॉन्टेजियस बोवाइन प्लूरोन्यूमोनिया, कारण, उपचार एवं बचाव

इस बीमारी को सीबीपीपी, लंग प्लेग, तथा लंग सिकनेस भी कहते हैं। यह गायों में पाए जाने वाला जीवाणु जनित अत्यंत संक्रामक रोग है। जिसमें फेफड़े व फेफड़ों को घेरे रहने वाली झिल्ली प्लूरा प्रभावित होती है >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में बांझपन के कारण एवं निवारण

बांझ एक ऐसे मादा पशु को कहा जाता है जो बच्चा देने में असमर्थ हो। कोई भी मादा पशु जब परिपक्वता को प्राप्त करती है तो मादा के जनन अंगों से डिंब निकलने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। इसके दौरान मादा पशु >>>

पशुपोषण

पशु आहार में हरे चारे की भूमिका

भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि एवं पशुपालन एक दूसरे के अभिन्न अंग है। भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। इनकी सही व्यवस्था , सार- संज्ञा और खान- पान से ही अधिक >>>

पशुपालन समाचार

पशुओं के प्रति क्रूरता पर जल्द ही कठोर दंड का प्राविधान

पशु क्रूरता से निपटने के उद्देश्य से पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 का निर्माण भारत की संसद द्वारा किया गया था। इस अधिनियम के माध्यम से पशुओं के प्रति होने वाली क्रूरता को रोकने के संपूर्ण प्रयास किए गए हैं। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं का घातक रक्त परजीवी रोग: थिलेरियोसिस कारण एवं निवारण

पशुओं को अत्याधिक हानि पहुंचाने वाले घातक रोगों में से एक है थीलेरियोसिस। यह रोग थिलेरिया अनुलेटा नामक रक्त में पाए जाने वाले परजीवी, से होता है। यह परजीवी हायलोमा नामक किलनी या कलीली द्वारा फैलता >>>

पशुपालन

पशुओं के नवजात बच्चों का प्रबंधन

कुछ नवजात बच्चों में तो जन्म के बाद फेफड़े पूरी तरह से काम नहीं कर पाते हैं और सांस लेने में दिक्कत आती है। ऐसा अधिकतर कठिन प्रसव के बाद होता है। >>>