सितंबर/ भादो माह में पशुपालन कार्यों का विवरण

5
(51)

सितंबर/ भादो माह

  • संतति को खीस/ कोलोस्ट्रम अवश्य पिलाएं।
  • अवशेष पशुओं में एच.एस. तथा बीक्यू का टीका लगवाएं।
  • खुर पका मुंह पका का टीका अवश्य लगवाएं।
और देखें :  किसानों के लिए पशुपालन बेहद लाभकारी: डॉ. ओंकार नाथ सिंह
  • पशुओं को कृमि नाशक औषधि का पान कराएं।
  • भैंसो के नवजात शिशु का विशेष ध्यान रखें क्योंकि इनमें मृत्यु दर अधिक होती है इन्हें भी कृमि नाशक औषधि का पान कराएं।
  • बच्चा दे चुके पशुओं को खड़िया एवं नमक अवश्य खिलाएं।
  • गर्भ परीक्षण एवं कृत्रिम गर्भाधान कराएं।
  • पशुओं को तालाब में न जाने दें।
  • दूध में छिछडे़ आने पर थनैला रोग की जांच पशु चिकित्सालय पर अवश्य कराएं। पशुओं के स्तनों को 1% पोटेशियम परमैंगनेट के गोल से दुआओं से पूर्व एवं दूध निकालने के पश्चात अवश्य साफ करें।
और देखें :  दुधारू पशुओं के प्रमुख रोग व उनका उपचार
  • खींस पिलाकर नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं।
  • हरे चारे की अधिक उपलब्धता के कारण पशुओं में अधिक सेवन से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए पशुओं को बाहर खुले में चरने के लिए ना भेजें।
  • हरे चारे से साइलेज बनाएं। हरे चारे के साथ सूखे चारे को मिलाकर खिलाएं।
और देखें :  अधिक उत्पादन हेतु पशुओं को आहार एवं जल/ पानी देने के नियम

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 5 ⭐ (51 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*