सितंबर/ भादो माह में पशुपालन कार्यों का विवरण

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सितंबर/ भादो माह

  • संतति को खीस/ कोलोस्ट्रम अवश्य पिलाएं।
  • अवशेष पशुओं में एच.एस. तथा बीक्यू का टीका लगवाएं।
  • खुर पका मुंह पका का टीका अवश्य लगवाएं।
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  • पशुओं को कृमि नाशक औषधि का पान कराएं।
  • भैंसो के नवजात शिशु का विशेष ध्यान रखें क्योंकि इनमें मृत्यु दर अधिक होती है इन्हें भी कृमि नाशक औषधि का पान कराएं।
  • बच्चा दे चुके पशुओं को खड़िया एवं नमक अवश्य खिलाएं।
  • गर्भ परीक्षण एवं कृत्रिम गर्भाधान कराएं।
  • पशुओं को तालाब में न जाने दें।
  • दूध में छिछडे़ आने पर थनैला रोग की जांच पशु चिकित्सालय पर अवश्य कराएं। पशुओं के स्तनों को 1% पोटेशियम परमैंगनेट के गोल से दुआओं से पूर्व एवं दूध निकालने के पश्चात अवश्य साफ करें।
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  • खींस पिलाकर नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं।
  • हरे चारे की अधिक उपलब्धता के कारण पशुओं में अधिक सेवन से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए पशुओं को बाहर खुले में चरने के लिए ना भेजें।
  • हरे चारे से साइलेज बनाएं। हरे चारे के साथ सूखे चारे को मिलाकर खिलाएं।
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