मध्य प्रदेश अध्यक्ष गौ-पालन एवं गौ-संवर्धन बोर्ड स्वामी अखिलेश्वरानंद ने बताया कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा बेसहारा एवं निराश्रित गायों की कोख का इस्तेमाल कर प्रदेश में उच्च नस्ल की अधिक दूध देने वाली साहीवाल और गिर गायों की संख्या बढ़ाने के सफल प्रयास किये जा रहे हैं।
इसी क्रम में पिछले दिनों जबलपुर जिले की विभिन्न गौ-शालाओं की 28 निराश्रित गायों को नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर भेजा गया था। इन गायों में साहीवाल नस्ल का भ्रूण प्रत्यारोपण किया गया। अधिकांश गायों ने साहीवाल नस्ल के स्वस्थ वत्सों को जन्म दिया है। शेष गायों में मार्च अंत तक वत्स उत्पादन संभावित है।
स्वामी अखिलेश्वरानंद ने बताया कि साहीवाल गाय भारत की उच्च नस्ल की सर्वश्रेष्ठ दुग्ध उत्पादक गायों में शामिल है। लगभग 16 लीटर तक दूध देने की क्षमता वाली यह गाय अपने एक दुग्ध काल के दौरान 2270 लीटर दूध देती है। इसके दूध में पर्याप्त वसा होने के साथ इसके रख-रखाव पर खर्च भी कम आता है। इसका शरीर गर्मी, परजीवी और किलनी प्रतिरोधी होता है, जिससे इन्हें पालने में अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ती।
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