एक तरफ देश के कई राज्यों में गोवंश की हत्या को लेकर कड़े क़ानून बनाए जा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ देश में बछड़ों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में गोवंश की संख्या 30 करोड़ है। इनमें 8.5 करोड़ दुधारू गाएं, 8.4 करोड़ बैल और शेष 13.1 करोड़ अनुत्पादक गोधन है। क्योंकि खेती में बैलों का इस्तेमाल अब बहुत कम होने लगा है, जिस वजह से ये अनुपयोगी हो गये हैं। अत्यधिक संख्या में मौजूद बैल तथा अनुत्पादक पशु न केवल उपलब्ध चारे का बड़ा हिस्सा चट कर जाते है, बल्कि उनकी आबादी इतनी बढ़ गई कि सड़कों पर उनका जमघट लगा रहता है।
सरकार ने इसके मद्देनजर, गोवंश में बछड़ों की बढ़ती संख्या को अमेरिकी तकनीक से नियंत्रित करने की योजना बनाई है, इसके तहत “Sex Sorted Semen Technology” यानि “लिंग वर्गीकृत वीर्य तकनीक” के जरिए बछड़ों की जन्मदर को कम करके, बछिया की जन्मदर को बढ़ाया जा सकेगा।
क्या है सेक्स सॉर्टेड सीमेन ?
सामान्यतः वीर्य में X तथा Y शुक्राणु लगभग बराबर अनुपात में होते है, Y शुक्राणु से नर तथा X शुक्राणु से मादा संतान पैदा होती है, जिस वजह से नर बछड़ा या मादा बछिया होने की संभावना 50 प्रतिशत रहती है। सेक्स सॉर्टेड सीमेन टेक्नोलॉजी में प्रयोगशाला में Y शुक्राणु को वीर्य से हटा दिया जाता है, जिससे मादा बछिया होने की संभावना 90 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, इस प्रकार के वीर्य को “लिंग वर्गीकृत वीर्य” अथवा “सेक्स सॉर्टेड सीमेन” कहते हैं।
आमतौर पर गायों में जब सामान्य सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है, तो मादा बछिया होने की संभावना 50 प्रतिशत होती है। लेकिन सेक्स सॉर्टेड सीमन के उपयोग से मादा बछिया होने की संभावना 90 प्रतिशत से अधिक हो जाती है। इस प्रकार सेक्स सॉर्टेड सीमेन के उपयोग से न केवल बछड़ो की संख्या नियंत्रित रहेगी, बल्कि अधिक बछिया पैदा होने से किसानो की आय में भी वृधि होगी।
सेक्स सॉर्टेड सीमेन टेक्नोलॉजी का इतिहास
90 के दशक में “सेक्स सॉर्टेड सीमेन टेक्नोलॉजी” अमेरिका के कृषि विभाग के वैज्ञानिको द्वारा Livermore, California, तथा Beltsville, Maryland में विकसित की गई थी, और इसे “Beltsville Sperm Sexing Technology” के रूप में पेटेंट कराया गया था। हालाँकि संयुक्त राज्य अमेरिका में सेक्स सॉर्टेड सीमेन का व्यावसायीकरण 2001 में शुरू हुआ, जब Sexing Technologies नामक फर्म को व्यावसायिक रूप से सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन का लाइसेंस दिया गया। वर्तमान में, Sexing Technologies व्यावसायिक रूप से यूरोप, अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील, चीन, जापान तथा भारत सहित कई देशों में सेक्स सॉर्टेड सीमेन का उत्पादन करता है।
भारत में सेक्स सॉर्टेड सीमेन टेक्नोलॉजी
केंद्र सरकार ने “राष्ट्रीय गोकुल मिशन” के तहत “सेक्स सॉर्टेड सीमन प्रयोगशाला” के लिए उत्तराखंड राज्य के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस तरह उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन के लिए अमेरिका की फर्म से अनुबंध किया गया है। उत्तराखण्ड के ऋषिकेश में स्थापित “सेक्स सॉर्टेड सीमन प्रयोगशाला” में अप्रैल 2019 से “सेक्स सॉर्टेड सीमन” का उत्पादन भी शुरू हो गया है। शुरुआत में इस प्रयोगशाला में केवल देशी नस्ल के पशुओं के सेक्स सॉर्टेड सीमन का उत्पादन किया जा रहा है, जल्द ही Holstein, Jersey तथा crossbred नस्ल के पशुओं के सेक्स सॉर्टेड सीमन का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। इसके अतिरिक्त पूना, महाराष्ट्र की ABS India कंपनी भी “SEXCEL” ब्रांड के तहत भारत में Holstein, Jersey, साहीवाल, गिर, रेड सिंधी, crossbreds तथा मुर्राह और मेहसाणा भैंसों के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमन का उत्पादन व्यवसायिक रूप से कर रही है।
क्या सेक्स सॉर्टेड सीमेन सुरक्षित है ?
जी हाँ, गायों में कृत्रिम गर्भाधान के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमन का उपयोग करना पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि, सेक्स सॉर्टेड सीमन में शुक्राणु की संख्या कुछ कम होती है और प्रयोगशाला में छंटाई की प्रक्रिया में कुछ शुक्राणुओं को नुकसान पहुँच सकता है, इसलिए पारंपरिक सीमेन की तुलना में सेक्स सॉर्टेड सीमन के इस्तेमाल में गर्भाधान की दर कुछ कम रहती है।
सेक्स सॉर्टेड सीमेन इस्तेमाल करने के लाभ
- केवल मादा बछिया पैदा होने से नर बछड़ो पर होने वाले खर्च बच जाएगा।
- ज्यादा बछिया पैदा होने से, जहां डेरी बड़ानें के लिए बाहर से गाय नहीं खरीदनी पड़ेगी वहीँ, अतिरिक्त बछिया को बेचकर मुनाफ़ा कमाया जा सकता है।
- केवल बछिया पैदा होने से पशुओं की नस्ल सुधार में भी तेजी आएगी।
- उच्च गुणवत्ता की गाय से उसके जीवनकाल में अधिक बछिया प्राप्त होने से गुणवत्ता का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा।
सेक्स सॉर्टेड सीमेन के क्रियान्वयन की सीमायें
पहली बात सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन की उच्च लागत है, जिसमें पेटेंट अधिकार की लागत भी शामिल है। वर्तमान में सेक्स सॉर्टेड सीमेन की एक स्ट्रॉ की कीमत 1200 से 1500 रुपये आती है, जबकि पारंपरिक सीमेन 20 से 50 रूपए में मिल जाता है। दूसरी बात सेक्स सॉर्टेड सीमेन से किए गए कृत्रिम गर्भाधान में गर्भाधान दर पारंपरिक सीमेन की तुलना में 10-15% तक कम रहती है, हालांकि सेक्स सॉर्टेड सीमेन में 90 प्रतिशत से अधिक बछिया उत्पन्न होने की सम्भावना रहेगी।
“सेक्स सॉर्टेड सीमेन टेक्नोलॉजी” भारत में पशु प्रजनन के क्षेत्र में एक Game Changer Technology साबित हो सकती है। अवांछित नर, हमेशा पशु पालने की लागत बढ़ाते है, जो किसानों को पशुपालन छोड़ने के लिए प्रेरित करता है। अवांछित नर पशुओं की संख्या में कमी से वांछित मादा पशुओं के लिए प्राकृतिक संसाधनों की बेहतर उपलब्धता होगी, जिससे उत्पादन में वृधि होगी, अंततः किसानों की आय में वृद्धि होगी। वर्तमान में ये टेक्नोलॉजी महंगी है, जिससे, यह एक सामान्य किसान की पहुंच से बाहर हो जाती है। इसलिए आवश्यकता है कि, सरकार इस टेक्नोलॉजी हेतु, किसानों को subsidy देकर इसे लोकप्रिय बनायें। इस बीच, वर्तमान तकनीक का कोई दूसरा विकल्प नहीं है, इसलिए अनुसंधान के माध्यम से वैकल्पिक तकनीकों को विकसित करने के लिए गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि टेक्नोलॉजी उचित मूल्य पर किसान तक पहुंच सके। हालांकि तकनीक थोड़ी महंगी है, लेकिन लाभ काफ़ी बड़ा है। आशा है कि, आने वाले दिनों में ये तकनीक किसानों व पशुपालकों की आय बढ़ाने में काफ़ी मददगार सिद्ध होगी।
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