पंजाब के पशुपालन मंत्री ने दुधारू पशुओं की मौत में लापरवाही के लिए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी

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29 जुलाई 2019: मोहाली के आस-पास के गांवों में बड़ी संख्या में दुधारू पशुओं की मौतों की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पंजाब के पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री श्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने आज कहा कि उनके विभाग की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही साबित होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई। साथ ही उन्होंने पशुपालकों को विशेष रूप से डेयरी फार्म चलाने वालों को पशुओं को दिए जाने वाले दाने और चारे पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा।

मंत्रीजी  ने पशुपालकों को गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों द्वारा दी गई सलाह के अनुसार चारा देने के साथ-साथ होटलों और ढाबों के बचे हुए भोजन को न देने की सलाह भी दी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मानसून के मौसम में पशुओं के चारे के संबंध में विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है और अन्य खाद्य पदार्थ इस अवधि के दौरान फफूंदी को जल्दी पकड़ लेते हैं जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है और मौत का कारण भी बन सकता है।

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पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. इंद्रजीत सिंह ने पशुपालन में लगे किसानों को सलाह दी कि वे सावधानी बरतें और पशुओं के चारे को नमी से बचाएं क्योंकि नमी फ़ीड में ‘माइक्रोटॉक्सिन’ का कारण बनती है, जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर जिस भोजन को मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है, उसे जानवरों और मुर्गियों को खिलाया जाता है इस प्रकार का संक्रमित और निम्न गुणवत्ता का भोजन विशेष रूप से दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

डॉ. इंद्रजीत सिंह ने आगे कहा कि जहरीले फफूंद को रोकने के लिए पशुओं को उच्च गुणवत्ता वाला चारा खिलाना चाहिए, कमरे को और साफ़ रखने के साथ साथ साफ-सुथरे बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशुओं के दाने को नमी से बच्चाने की समुचित सुविधाएँ होनी चाहिए तथा अगर दाने को फंगस का संक्रमण हो जाए तो उसे नष्ट कर दें तथा किसी भी दशा में पशुओं को न खिलाएं।

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इस मामले में पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पशुओं की मौत के कारणों की जांच के लिए डीसी मोहाली गिरीश दियालन को आदेश दे दियें हैं। जांच में पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. निर्मलजीत सिंह को सहयोग करने हेतु निर्देशित किया गया है।  जिले की पशुपालन विभाग की टीमें बीमार पशुओं का इलाज निरंतर कर रही हैं तथा गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी लुधियाना और रीजनल डीजीज डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी नॉर्थ जोन की स्पेशल टीम पशुओं को दिए गए फीड और चारे की जांच कर रही है।

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