10 फरवरी 2020: बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में इंटरमीडिएट के छात्रों के लिए करियर काउंसलिंग का आयोजन किया गया, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्- विश्व बैंक परियोजना के गुणवत्ता युक्त कृषि-शिक्षा एक पहल और राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना के तहत आयोजित इस करियर काउंसलिंग में केंद्रीय विद्यालय नंबर दो, शेखपुरा मोड़ के करीब 80 छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस करियर काउंसलिंग में छात्रों को कृषि एवं कृषि सम्बंधित क्षेत्रों में रोजगार के अवसर के बारे में जानकारियां दी गयी। छात्रों को कृषि और बागवानी, कृषि विपणन और सहयोग, कृषि अभियांत्रिकी, मत्स्य पालन और सम्बंधित क्षेत्र, पशु चिकित्सा विज्ञान और डेयरी और खाद्य प्रोद्योगिकी क्षेत्रों की पढाई, रोजगार के अवसर, सैलरी स्ट्रक्चर, किन पदों पर कार्य कर सकते है, और बेहतर संभावनाओं के हर बारीकियों को एक्सपर्ट द्वारा बताया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की इस काउंसलिंग का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं कृषि सम्बंधित क्षेत्रों में संभावनाओं को छात्रों तक लेकर जाना है ताकि वो मानव चिकित्सा और इंजीनियरिंग से अलग हट कर भी एक बेहतर विकल्प को देख सके, उन्होंने कहा की इस क्षेत्र में संभावनाओं की कमी बिलकुल भी नहीं है, आप इस क्षेत्र से जुड़कर बेसिक और एप्लाइड रिसर्च में योगदान कर सकते है, आपके रिसर्च से पूरा जगत लाभान्वित होगा। उन्होंने छात्रों को बताया की दूध उत्पादन में भारत अव्वल स्थान रखता है मगर ग्लोबल एवरेज मिल्क प्रोडक्शन में हम अब भी पीछे है, उन्होंने आगे कहा की छात्रों को डाटा की समझ होना बहुत जरुरी है, छात्र जीडीपी को समझे जनसँख्या के अनुसार पर-कैपिटा इनकम क्या है उसको समझे, एक देश की जीडीपी का दूसरे देश के जीडीपी से तुलनात्मक अध्ययन करे, साथ ही गौर करें की हमारे अर्थव्यवस्था में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों का कितना योगदान है। एक समय था जब भारत के पास पर्याप्त मात्रा में आनाज नहीं हुआ करता था हमें दूसरे देशों द्वारा क्रॉप ऐड दिया जाता था, जान वितरण की लम्बी लाईने हुआ करती थी, इसलिए हरित क्रांति का जन्म हुआ, मगर अब पहले की अपेक्षा हम बहुत बेहतर स्तिथि में है। हम अब देश के लिए भी पैदावार कर रहे है और विदेशों में भी इम्पोर्ट करने में सक्षम है, तो ये कहा जाये संभावनाएं काफी अधिक है, ये क्षेत्र निरंतर प्रगति कर रहा है।
अधिकांश छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की ओर रुख करते है, पर अन्य बेहतर विकल्प क्या है इसे कोई नहीं समझता, वेटरनरी साइंस दूसरा सबसे बड़ा विकल्प बन सकता है और आने वाले दिनों में इसमें आपार संभावनाएं है। इस अवसर पर निदेशक अनुसन्धान डॉ रविंद्र कुमार ने कहा की बारहवीं में एते ही छात्रों के मन में ये कौतुहल का विषय होता है की किस क्षेत्र को चुनें, मेडिकल और इंजीनियरिंग की ओर भीड़ ज्यादा बढ़ती है मगर कृषि और इनसे जुड़े क्षेत्र भी बहुत व्यापक है और छात्र इसमें बेहतर विकल्प तलाश सकते है। बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. जे.के प्रसाद ने कहा की इस क्षेत्र से छात्रों को इस क्षेत्र से साक्षात्कार करने की आवश्यकता है, विद्यार्थियों में इस क्षेत्र के प्रति जागरूक करना ही हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य है, यह क्षेत्र आपको बहुत आगे लेकर जा सकता है, बस बेहतर करने की जरुरत है। जिस प्रकार डॉक्टर और इंजीनियर बनकर उच्च आय कमाया जा सकता है वैसा इस क्षेत्र में भी संभव है, सिर्फ इस क्षेत्र में ही नहीं आप किसी भी क्षेत्र को चुनें अपने उम्मीद जितना पा सकते है, उस क्षेत्र के प्रति लगाव और लगन इस बात को निर्धारित करती है, छात्र अपने काबिलियत पर भरोसा करे और आगे बढ़े। इस काउंसलिंग में केंद्रीय विद्यालय, शेखपुरा की शिक्षिका सुषमा मिश्रा झा सहित अन्य शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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