जटिंगा जंहा पक्षी करते हैं सामूहिक आत्महत्या…

5
(111)

जटिंगा जंहा पक्षी करते हैं सामूहिक आत्महत्या…

असम राज्य में एक ऐसी जगह है, जहां परिंदे आत्महत्या करने के लिए आते हैं। ‘दिमा हासो जिले’ की पहाड़ी घाटी में बसे इस रहस्यमयी गांव का नाम है जटिंगा, जहां परिंदे करते हैं खुदकुशी।

इस विचित्र एवं रहस्यमयी घटना के लिए कुछ विशेष परिस्थितियां होनी आवश्यक होती है। यह घटना मानसून के अंत में सितम्बर से अक्टूबर माह में विशेष रूप से अमावस्या की कोहरे भरी काली रात जब हल्की बारिश हो रही हो तथा जब हवा की दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर हो तब घटित होती है। यह घटना विशेष रूप से शाम 7 बजे से रात 10 बजे के दौरान होती है। इस घटना के दौरान पक्षी परेशान हो कर प्रकाश की और जाते हैं। इस समय पक्षी मदहोशी में होते हैं और चारों ओर पेड़ अथवा रौशनी के साथ टकरा कर मर जाते हैं।

और देखें :  पशुधन से समृद्धि

डॉक्टर सेन गुप्ता ने अपनी शोध में बताया है कि इस घाटी में चुंबकीय शक्ति अचानक बदलने लगती है जिस वजह से पक्षी साधारण से अलग व्यवहार करते हैं। स्थानीय लोगो का मानना है कि इस घटना के पीछे अदृश्य ताकतों का काम है। जबक‌ि कुछ वैज्ञान‌िको का मत है कि यह है क‌ि यहां तेज हवाओं से पक्ष‌ियों का संतुलन ब‌िगड़ जाता है और वह आस-पास मौजूद पेडों से टकराकर घायल हो जाते हैं और मर जाते हैं।

हालांकि इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है ये घटना केवल अमावस्या की रात को ही क्यों होती है। अब बात चाहे जो भी हो लेक‌िन यह स्थान पक्ष‌ियों के सामुहिक आत्महत्या के कारण दुन‌िया भर में रहस्यमयी बना हुआ है।

और देखें :  डिस्ट्रिक्ट पोल्ट्री सोसाइटी का गठन करें तथा लोगो को बकरी पालन, डेयरी पालन से जोड़े- रघुवर दास

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 5 ⭐ (111 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

और देखें :  राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 'गोकुल ग्राम' की स्थापना

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*