पशुपालन

डेयरी पशुओं में गर्भ की शीघ्र पहचान का महत्व एवं उसकी विधियां

पशुओं में प्राकृतिक अथवा कृत्रिम गर्भाधान के पश्चात गर्भ की शीघ्र पहचान करना आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इसमें समय की बचत पर मुख्य रुप से ध्यान दिया जाना चाहिए, अर्थात जितनी जल्दी ह >>>

पशुपालन

पशु पालन में दिखी जीने की राह

भूतपूर्व सैनिक, कैप्टन खुशी राम सुपुत्र श्री रघुनाथ सिंह, गाँव व डाकखाना हरसर, तहसील ज्वाली, ज़िला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी हैं। पशु पालन के नाम पर उन्होने घर पर एक देसी गाय रखी हुई थी >>>

herbal Plants in veterinary
पशुओं की बीमारियाँ

परंपरागत पशु औषधी विज्ञान की ऐतिहासिक यात्रा

परंपरागत औषधी विज्ञान, उतना ही पुराना है जितनी मानव सभ्यता है। मानव ने अपनी आवश्यकतानुसार पशुओं को पालना शुरू किया और उनका उपचार भी मनुष्य द्वारा उनके पालने के साथ ही सहस्राब्धियों पुराना ही है। >>>

पशुपालन

बेसहारा गाय से बदली अपनी आर्थिकी

पंकज कुमार पुत्र श्री अजीत लाल, गाँव व डाकघर अमलेला, तहसील ज्वाली, ज़िला कांगड़ा का एक पढ़ा-लिखा सामान्य बेरोज़गार युवा है। परंतु उसकी सोच सामान्य नहीं थी। वह प्रतिदिन अपने सीमित संसाधनों से ही अपने लिए >>>

पशुपालन से सही लाभ अर्जित करने हेतु आवश्यक है तकनीकी ज्ञान
पशुपालन

पशुपालन से सही लाभ अर्जित करने हेतु आवश्यक है तकनीकी ज्ञान

खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन ग्रामीण आंचल में आजीविका का एक मुख्य साधन है। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो। शिक्षा प्राप्ति ही एक ऐसा साधन है जो मनुष्य को अन्धकार >>>

पशुपालन

अमृत तुल्य दूध के स्वास्थ्यवर्धक गुण

दूध एक ऐसा भोज्य पदार्थ है जिसका कोई भी पर्याप्त विकल्प नहीं लगता है। मनुष्य अपने पशुओं के रूप में कई तरह के पशुओं के दूध का उपयोग करता है। भोजन के आपूर्तिकर्ता के रूप में गाय का इन सभी पशुओं में सब >>>

बछड़ों एवं बछड़ियों में तनाव प्रबंधन
पशुपालन

बछड़ों एवं बछड़ियों में तनाव प्रबंधन

पशुपालन में तनाव प्रबंधन अति महत्वपूर्ण विषय है। परन्तु ये बछड़ों एवं बछड़ियों में तनाव प्रबंधन प्रमुख मुद्दों में से एक है। यह पशुओं की संपूर्ण उत्पादकता और स्वास्थ्य में बाधा डालता है। बछड़े एवं बछड़ >>>

पशुओं की बीमारियाँ

दुधारू पशुओ में जैव उत्तेजना एक प्रजनन क्षमता बढ़ाने का प्राकृतिक माध्यम

एक दुग्ध व्यवसाय की आर्थिक सफलता पशुओ के उत्पादक और प्रजनन प्रदर्शन से निर्धारित होती है। लैंगिक परिपक्कता, विलंबितयौन परिपक्वता, कम गर्भधारण दर >>>

पशुपालन

पशुओं में जल का महत्व

कहते है जल है तो कल है, हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध कवि रहीम ने कहा था रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून, यह कहावत एवं दोहा जल की अनिवार्यता बताने के लिए काफी है। पौधों में लगभग 10 से 90 प्रतिशत तक >>>

पशुपालन

डेयरी पशुओं में शुष्क काल प्रबंधन का महत्व

ब्यॉंत के 60 दिन पूर्व का समय शुष्क काल अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है इसमें पशु खुद को अगले दुग्ध उत्पादन के लिए तैयार करता है। दुग्ध काल के विपरीत शुष्क काल के अंतर्गत दीर्घ प्रकाश अवधि का प्रभाव एकदम >>>

पशुपालन

पशुपालन में व्यापक मिथक एवं तथ्य

भारतीय समाज में अंधविश्वास बहुत आम है, और गांवों में इस तरह की प्रथाएं अशिक्षा, सामान्य समझ और वैज्ञानिक जागरूकता की कमी के कारण अधिक प्रचलित हैं। पशुपालन में सदियों पुरानी मिथ्याएँ मौजूद हैं, जो >>>

पशुपालन

भारत में स्वदेशी गाय की महत्ता एवं उसका व्यवसायिक उपयोग

हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है। पुराणों में धर्म को भी गौ रूप में दर्शाया गया है। भगवान श्री कृष्ण गाय की सेवा अपने हाथों से करते थे, और इनका निवास भी गोलोक बताया गया है। इतना ही नहीं गाय को >>>

पशुपालन

बच्चा देने के बाद मादा पशु की देखभाल

जो मादा पशु पहली बार बच्चा दे रहा है अर्थात ओसर में पहली बार बच्चा देने पर अयन में एडिमा होने से तनाव आ जाता है और दूध नहीं उतरता है। इस स्थिति में एक बार >>>

मार्च फाल्गुन माह में पशुपालन कार्यों का विवरण
पशुपालन

मार्च/ फाल्गुन माह में पशुपालन कार्यों का विवरण

मार्च/ फाल्गुन पशुशाला की सफाई व पुताई करें। नर पशुओं का बधियाकरण कराएं। खेतों में चरी सूडान तथा लोबिया की बुवाई करें। गाय भैंस व बकरी का क्रय करें। मौसम में परिवर्तन से पशुओं का बचाव करें। >>>