पशुपोषण

पशु आहार में हरे चारे की भूमिका

भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि एवं पशुपालन एक दूसरे के अभिन्न अंग है। भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। इनकी सही व्यवस्था , सार- संज्ञा और खान- पान से ही अधिक >>>

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लेयर नुट्रिशन से जुड़ी कुछ समस्याएँ एवं उनके समाधान

लेयर नुट्रिशन एक बहुत ही विशाल विज्ञान है जिसमें प्रतिदिन ही कुछ न कुछ नई खोज होती रहती हैं। अंडे देने वाली मुर्गियों को लेयर चिकन कहा जाता है। लेयर मुर्गियां 4-5 महीने में अंडे देना प्रारम्भ कर >>>

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फाइटोबायोटिक्स: 21वीं सदी के प्राकृतिक आहारीय पूरक

21वीं सदी के इस आधुनिक दौर में परंपरागत रूप से उपयोग एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक, ज्वर नाशी और कई अन्य प्रकार की औषधियों के बारे में आमजन भी बखूबी जानता है। जीवित जीवों खासतौर से पादपीय फफूंदों से >>>

पशुपोषण

दुधारू पशुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ाने हेतु आहार व्यवस्था एवं खनिज मिश्रण का महत्व

सामान्यता एक वयस्क पशु को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15 से 20 किलो तक हरा चारा खिलाना चाहिए। फलीदार और बिना फलीदार हरे चारे को समान अनुपात में मिलाकर खिलाना चाहिए। हरे चारे की फसल को जब आधी फसल >>>

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साइलेज (पशुओं के लिए अचार)

साइलेज उस पदार्थ को कहते हैं जब अधिक नमी वाले चारे को हवा रहित व् नियंत्रित जगह पर रखा जाता है। साइलेज बनाने के लिए गड्ढे की आवश्यकता होती है जिसे साइलो कहते हैं। >>>

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डेयरी पशुओं के आहार में विटामिनों का महत्व

विटामिन ऐसे तत्त्व हैं जिनसे कोई ऊर्जा तो नहीं मिलती है लेकिन शारीरिक विकास और शक्तिवर्द्धन के लिए बहुत आवश्यक तत्त्व हैं। विटामिन शरीर की विभिन्न क्रियाओं के लिए अतिआवश्यक होते हैं। >>>

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डेयरी पशुओं के आहार में खनिज तत्वों का महत्व

खनिज तत्त्व बहुत ही थोड़ी मात्रा में हर प्रकार के चारे  में पाये जाते हैं लेकिन अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले पशुओं में इनकी आवश्यकता केवल चारे में उपलब्ध खनिज तत्वों से ही पूरी नहीं होती है। >>>

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डेयरी पशुओं से लाभ उपार्जन हेतु आवश्यक है संतुलित आहार

संतुलित आहार का तात्पर्य ऐसे आहार से है जिसमें पशु की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सभी आवश्यक मौलिक पोषक तत्त्व संतुलित मात्रा में हों। >>>

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दुधारू पशुओं में बाई-पास वसा आहार तकनीक एवं उससे लाभ

दुधारू पशुओं के उचित पोषण के लिए हमें संतुलित आहार के साथ-साथ आहार की उपलब्धता बढ़ाने की कुछ नई तकनीक जैसे बाई-पास वसा एवं बाई-पास प्रोटीन तकनीक का उपयोग कर हम दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। >>>

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दुधारू पशुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ाने हेतु आहार व्यवस्था एवं खनिज मिश्रण का महत्व

सामान्यता एक वयस्क पशु को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15 से 20 किलो तक हरा चारा खिलाना चाहिए। फलीदार और बिना फलीदार हरे चारे को समान अनुपात में मिलाकर खिलाना चाहिए। >>>

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गाभिन पशु का पोषण एवं प्रबंधन

गाभिन पशुओ की देखभाल का प्रमुख तथ्य यह है कि पशु को अपने जीवन निर्वाह व दूध देने के अतिरिक्त बच्चे के विकास के लिए भी पोषक तत्वों और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। >>>

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पशुओं के लिए आहार संतुलन कार्यक्रम द्वारा पशुपालकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करना

सामान्यत: पशुओं को दिए जाने वाले आहार में एक या एक से अधिक स्थानीय रूप से उपलब्ध सांद्र मिश्रण या कंसंट्रेट, पशु खाद्य पदार्थ, घास एवं सूखा चारा होता है। >>>

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प्रोटीन एवं पौष्टिकता बढ़ाने के लिए धान की पराली/पुवाल का यूरिया उपचार

पराली का यूरिया से उपचार करने से उसकी पौष्टिकता बढ़ती है और प्रोटीन की मात्रा उपचारित पराली की कुट्टी में लगभग 8-9% हो जाती है, एवं 15 से 20% पाचन क्रिया बढ़ जाती है। >>>

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अपने गाय और भैंस को क्या, कितना और कैसे खिलाएं ?

सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि पशुपालक किसान के पास किस तरह के पशु हैं। पशुओं को उसी तरह से खिलाना चाहिए जैसा कि उसकी जरूरत है। जानवर को जितना अच्छा से खिलाएंगे उतनी ही उससे आय प्राप्ति होती है। >>>